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नई शिक्षा नीति देश की जरूरतें पूरी करने वाली : प्रधानमंत्री मोदी

 नई शिक्षा नीति देश की जरूरतें पूरी करने वाली : प्रधानमंत्री मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति देश की 21वीं सदी की जरूरतों को पूरा करने वाली है। श्री मोदी ने 75वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से अपने संबोधन में कहा, “ राष्ट्रीय नई शिक्षा नीति से अब हमारे बच्चे ना ही कौशल के कारण रुकेंगे और ना ही भाषा के सीमा में बंधेंगे। दुभार्ग्य है कि हमारे देश मे भाषा को लेकर एक विभाजन पैदा हो गया है। भाषा की वजह से हमने देश के बहुत बड़ी प्रतिभाओं को पिंजड़े में बांध दिया दिया है। मातृभाषा में पढ़े हुए लोग आगे आएंगे तो उनका आत्मविश्वास बढ़ेगा।'



उन्होंने कहा कि जब गरीब की बेटी और बेटा मातृभाषा में पढ़कर आगे बढ़ेंगे तो उनके सामर्थ्य के साथ न्याय होगा। नई शिक्षा नीति में गरीबी के खिलाफ लड़ाई का साधन भाषा है। नई शिक्षा नीति गरीबी के खिलाफ लड़ाई का शस्त्र के रूप में काम आने वाली है। गरीबी के खिलाफ जंग जीतने का माध्यम भी मातृभाषा है।


उन्होंने कहा कि खेल के मैदान में भाषा बाधा नहीं है जिसका परिणाम देखा है, अब युवा खेल भी रहे हैं और खिल भी रहे। अब ऐसा ही जीवन के अन्य मैदानों में होगा।


बेटियों को पीएम मोदी से मिला तोहफा
लड़कियों के लिए अहम घोषणा करते हुए पीएम मोदी ने सैनिक स्‍कूलों के दरवाजे उनके लिए खोल दिए। प्रधानमंत्री ने कहा, "ये देश के लिए गौरव की बात है कि शिक्षा हो या खेल, बोर्ड्स के नतीजे हों या ओलपिंक का मेडल, हमारी बेटियां आज अभूतपूर्व प्रदर्शन कर रही हैं। आज भारत की बेटियां अपना स्पेस लेने के लिए आतुर हैं। मुझे लाखों बेटियों के संदेश मिलते थे कि वो भी सैनिक स्कूल में पढ़ना चाहती हैं, उनके लिए भी सैनिक स्कूलों के दरवाजे खोले जाएं।"

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