कस्तूरबा विद्यालय की छात्राएं भी बोलेंगी फर्राटेदार अंग्रेजी
कस्तूरबा विद्यालय की छात्राएं भी बोलेंगी फर्राटेदार अंग्रेजी
वाराणसी। आज के दौर में हिंदी केसाथ-साथ अंग्रेजी का ज्ञान भी जरूरी है। ज्यादातर कंपनियां में साक्षात्कार के लिए अंग्रेजी काफी महत्वपूर्ण है। ऐसे में हिंदी मीडियम से पढ़ने वाले विद्यार्थियों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
प्रदेश के 746 कस्तूरबा विद्यालयों में पढ़ने वाली छात्राओं को अंग्रेजी बोलने का प्रशिक्षण देने की पहल की जा रही है। इसमें जिले की छह कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय की छात्राओं को शामिल किया जाएगा। छात्राओं को अंग्रेजी में दक्ष बनाने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग ने आंग्ल भाषा शिक्षण संस्थान (ईएलटीआई) को यह जिम्मेदारी सौंपी है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी राकेश सिंह ने बताया कि सरकार ने कक्षा छह से आठ तक की छात्राओं को उनके पाठ्यक्रम पर आधारित तथा स्पोकेन इंग्लिश को ध्यान में रखते हुए शैक्षणिक वीडियो तैयार करने की बात चल रही है। इन वीडियो को यू-ट्यूब पर अपलोड किया जाएगा, जिसे छात्राएं अपनी शिक्षिकाओं की मौजूदगी में सुनेंगी और फिर दिशा-निर्देशों के अनुरूप बोलने व लिखने का अभ्यास करेंगी। उन्होंने बताया कि ब्रिटिश काउंसिल संस्था ने कुछ राज्यों के विद्यालयों में बच्चों को अंग्रेजी भाषा में प्रशिक्षण प्रदान किया था। इसी तर्ज पर कस्तूरबा की छात्राओं के प्रशिक्षण की भी बात चल रही है। इस पहल के तहत शिक्षकों को भी ऑनलाइन व ऑफलाइन प्रशिक्षण दिया जाएगा।
प्रदेश के 746 कस्तूरबा विद्यालयों में पढ़ने वाली छात्राओं को अंग्रेजी बोलने का प्रशिक्षण देने की पहल की जा रही है। इसमें जिले की छह कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय की छात्राओं को शामिल किया जाएगा। छात्राओं को अंग्रेजी में दक्ष बनाने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग ने आंग्ल भाषा शिक्षण संस्थान (ईएलटीआई) को यह जिम्मेदारी सौंपी है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी राकेश सिंह ने बताया कि सरकार ने कक्षा छह से आठ तक की छात्राओं को उनके पाठ्यक्रम पर आधारित तथा स्पोकेन इंग्लिश को ध्यान में रखते हुए शैक्षणिक वीडियो तैयार करने की बात चल रही है। इन वीडियो को यू-ट्यूब पर अपलोड किया जाएगा, जिसे छात्राएं अपनी शिक्षिकाओं की मौजूदगी में सुनेंगी और फिर दिशा-निर्देशों के अनुरूप बोलने व लिखने का अभ्यास करेंगी। उन्होंने बताया कि ब्रिटिश काउंसिल संस्था ने कुछ राज्यों के विद्यालयों में बच्चों को अंग्रेजी भाषा में प्रशिक्षण प्रदान किया था। इसी तर्ज पर कस्तूरबा की छात्राओं के प्रशिक्षण की भी बात चल रही है। इस पहल के तहत शिक्षकों को भी ऑनलाइन व ऑफलाइन प्रशिक्षण दिया जाएगा।
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