प्राइवेट स्कूलों को भी दो पालियों में करानी होगी पढ़ाई, इस साल भी कम हो सकता है पाठ्यक्रम
प्राइवेट स्कूलों को भी दो पालियों में करानी होगी पढ़ाई, इस साल भी कम हो सकता है पाठ्यक्रम
कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के बाद 15 अगस्त से खुल रहे स्कूलों में निजी स्कूल अपनी मनमानी से स्कूलों का संचालन नहीं कर सकेंगे। प्रदेश सरकार की गाइडलाइन के अनुसार निजी स्कूलों को भी 50 प्रतिशत क्षमता के साथ दो पालियों में स्कूल संचालित कर पठन-पाठन कराना होगा। उधर, शैक्षिक सत्र के साढ़े चार महीने बीतने के कारण माध्यमिक शिक्षा परिषद कक्षा 9वीं से 12वीं तक में इस वर्ष भी पाठ्यक्रम कम कर सकती है।
15 अगस्त को सभी माध्यमिक विद्यालयों में स्वाधीनता दिवस पर अमृत महोत्सव के साथ करीब पांच महीने बाद स्कूल खोले जाएंगे। 16 अगस्त से स्कूलों में 50 प्रतिशत क्षमता के साथ दो पालियों में पठन-पाठन शुरू होगा। पहली पाली सुबह 8 से दोपहर 12 बजे तक और दूसरी पाली दोपहर 12.30 से शाम 4.30 बजे तक चलेगी। माध्यमिक शिक्षा विभाग ने स्कूलों को ऑनलाइन शिक्षा जारी रखने का विकल्प नहीं दिया है। शासन की जानकारी में आया है कि वित्तविहीन विद्यालय एक पाली में ही 50 प्रतिशत क्षमता से स्कूल संचालित कर रहे हैं और शेष 50 प्रतिशत बच्चों को ऑनलाइन कक्षा का विकल्प दे रहे हैं। उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि सभी निजी विद्यालयों को माध्यमिक शिक्षा विभाग की ओर से जारी गाइडलाइन के तहत ही स्कूल संचालित करने होंगे। विभाग का आदेश सभी स्कूलों पर लागू होगा।
पाठ्यक्रम हो सकता है कम
माध्यमिक विद्यालयों में शैक्षिक सत्र 1 अप्रैल से शुरू हो जाता है। एक अप्रैल से 20 मई तक स्कूलों में पठन पाठन होता है। ग्रीष्मावकाश के बाद एक जुलाई से फिर कक्षाओं का संचालन होता है। इस वर्ष भी कोरोना संक्रमण के कारण शैक्षिक सत्र में करीब तीन महीने तक कक्षाओं का संचालन और विधिवत पठन-पाठन नहीं हुआ है। जानकारी के मुताबिक माध्यमिक शिक्षा परिषद इस वर्ष भी कक्षा 9वीं से 12वीं तक कुछ पाठ्यक्रम कम करने पर विचार कर रहा है। उप मुख्यमंत्री ने बताया कि पाठ्यक्रम कम करने के लिए आगामी दिनों में होने वाली बैठक में निर्णय लिया जाएगा।
हर एक स्कूल का होगा निरीक्षण
माध्यमिक शिक्षा विभाग के निर्देश पर प्रदेश के सभी जिलों में स्कूलों को खोलने से पहले वहां की व्यवस्थाओं का जायजा लिया जा रहा है। हर जिले में 50 से 60 प्रधानाध्यापकों की टीम बनाकर स्कूलों का निरीक्षण कराकर वहां कोविड प्रोटोकॉल का पालन सुनिश्चित किया जा रहा है। 16 अगस्त को स्कूल खुलने के बाद भी हर जिले में स्कूलों का निरीक्षण किया जाएगा। जहां कहीं दिक्कत होगी उसकी रिपोर्ट जिला विद्यालय निरीक्षक को सौंपी जाएगी।
सहमति पत्र की बाध्यता नहीं
इस बार स्कूलों में विद्यार्थियों को बुलाने के लिए अभिभावकों का सहमति पत्र लेने की बाध्यता नहीं रखी गई है। शिक्षक एमएलसी और वित्तविहीन शिक्षक संघ के अध्यक्ष उमेश द्विवेदी ने बताया कि स्कूल खोलने के निर्णय से पहले ही 70 प्रतिशत अभिभावकों ने बच्चों को स्कूल भेजने की सहमति दे दी है। उसी के आधार पर सरकार ने स्कूल खोलने का निर्णय किया है।
स्कूल-कॉलेज में ही लगाए जाएंगे टीके
प्रदेश सरकार ने स्कूलों, डिग्री कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में 18 वर्ष से अधिक आयु के विद्यार्थियों को कोरोना वैक्सीन लगाने के लिए परिसर में ही शिविर लगाने के निर्देश दिए हैं। शिक्षण संस्थान मुख्य चिकित्सा अधिकारी से संपर्क कर टीकाकरण शिविर लगाएंगे। शिक्षण संस्थान में 18 वर्ष से अधिक आयु के विद्यार्थियों, शिक्षकों और कर्मचारियों के शत प्रतिशत टीकाकरण के निर्देश दिए हैं।
महाविद्यालयों - विश्वविद्यालयों में ऐसे शुरू होगी पढ़ाई
- 16 अगस्त से स्नातक व स्नातकोत्तर द्वितीय वर्ष की कक्षाएं शुरू होंगी।
- 1 सितंबर से स्नातक प्रथम वर्ष की कक्षाएं शुरू होगी।
- 13 सितंबर से स्नातक द्वितीय वर्ष और स्नातकोत्तर द्वितीय वर्ष की कक्षाएं शुरू होगी।
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