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चयन बोर्ड से जारी पीजीटी हिंदी की उत्तरमाला पर उठे ढेरों सवाल

 चयन बोर्ड से जारी पीजीटी हिंदी की उत्तरमाला पर उठे ढेरों सवाल

प्रयागराज: प्रवक्ता संवर्ग (पीजीटी) परीक्षा की 17 अगस्त को उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की ओर से जारी की गई उत्तरमाला के कई उत्तरों को विशेषज्ञों ने गलत बताया है। दावा किया है कि कई सवालों में भी दोष है, जबकि कुछ तो ऐसे भी सवाल हैं, जिनके दो-दो उत्तर सही हैं। इलाहाबाद विश्वविद्यालय से हंिदूी एवं आधुनिक भारतीय भाषा में डी. फिल कर कुंडा के एमएएस पीजी कालेज में असिस्टेंट प्रोफेसर डा. प्रमोद कुमार मिश्र ने इस महत्वपूर्ण परीक्षा में इस तरह की गड़बड़ियों को हंिदूी का अपमान बताया है।


उन्होंने कुछ प्रश्नों को जिक्र करने के साथ अपने दावे को तथ्य के साथ सही बताया है। उनके अनुसार प्रश्न संख्या-12 में पूछा गया है कि ‘छोटी हल्की गोल और किनारेदार थाली दिखाओ’-वाक्य में अपेक्षित है? साक्ष्य के साथ उनका दावा है कि इस प्रश्न का कोई भी विकल्प सही नहीं है। इसी तरह प्रश्न संख्या-17 में पूछा गया है कि ‘किस वाक्य में एकवचन का प्रयोग हुआ है’? उनके मुताबिक इस प्रश्न के उत्तर में दो विकल्प सही हैं। प्रश्न संख्या-19 में उल्लिखित पंक्तियों के रचनाकार के नाम का उत्तर भी आयोग ने गलत दिया है। प्रश्न संख्या-26 में श्रीमद्गोस्वामी तुलसीदास जी की रचना का शुद्ध शीर्षक ‘श्रीरामचरितमानस’ है, ‘रामचरितमानस’ नहीं। उनका दावा है कि प्रश्न संख्या-27 के तीन उत्तर सही हैं। प्रश्न संख्या-42में उपन्यास और उनके लेखकों के सुमेलन के क्रम में भैयादास की माड़ी-भीष्म साहनी लिखा है, जबकि भीष्म साहनी की रचना का नाम ‘मैयादास की माड़ी’ है, न कि ‘भैयादास की माड़ी। इस प्रकार इसमें दो उत्तर सही होने का दावा किया है।

इसके अलावा प्रश्न संख्या-44 में ‘फूल मरै पै मरै न बासू’ पंक्ति के लेखन का नाम आयोग ने कबीरदास को माना है, जबकि उनका दावा है कि यह प्रसिद्ध पंक्ति मलिक मुहम्मद जायसी की है। प्रश्न संख्या-53 के उत्तर को भी गलत होने का दावा किया है। इसमें पूछा गया कथन आचार्य रामचंद्र शुक्ल का है, जबकि चयन बोर्ड ने हजारी प्रसाद द्विवेदी का कथन माना है। ऐसे ही प्रश्न संख्या-58 का उत्तर ‘ब्रज’ होगा जबकि आयोग ने अवधी दिया है। दर्जन भर से अधिक और प्रश्नों व बोर्ड की उत्तरमाला में दिए गए उत्तर में भी उन्होंने दोष माना है। मामले पर चयन बोर्ड के उप सचिव नवल किशोर का कहना है कि विषय विशेषज्ञों ने पेपर सेट किए हैं। इसमें किसी तरह की आपत्ति होने पर आनलाइन आपत्ति दाखिल करने का मौका अभ्यर्थियों को दिया गया है। विषय विशेषज्ञ की समिति को अगर अभ्यर्थियों की आपत्ति सही लगेगी तो उत्तर संशोधित कर अंक जोड़ा जाएगा। संबंधित खबर 4

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