'डाटा' के भंवर में बच्चों की ड्रेस: जिले में अभी तक शुरू नहीं हुआ डीबीटी फीडिंग कार्य, शिक्षकों ने कहा- प्रक्रिया का पता नहीं
'डाटा' के भंवर में बच्चों की ड्रेस: जिले में अभी तक शुरू नहीं हुआ डीबीटी फीडिंग कार्य, शिक्षकों ने कहा- प्रक्रिया का पता नहीं
लखनऊ । परिषदीय विद्यालयों में इस बार छात्रों की यूनिफॉर्म, स्वेटर, जूते- मोजे और स्कूल बैग की कन्वर्जन कॉस्ट 'डाटा' के भंबर में फंसती जा रही है। विभाग ने कन्वर्जन कॉस्ट अभिभावकों के खाते में पहुंचाने के लिए डीबीटी एप पर छात्रों और अभिभावकों का डाटा अनिवार्य किया है जबकि शिक्षकों का कहना है कि विभाग ने पिछले साल ही प्रेरणा एप के जरिये सभी छात्रों का डाटा फीड कराया था और डीबीटी एप प्रेरणा से लिंक है तो दुबारा डाटा फीडिंग कराने का क्या औचित्य है। शासन के आदेश पर स्कूल महानिदेशक ने शिक्षकों को इसी हफ्ते डीबीटी एप पर छात्रों का डाटा अपडेट करने की प्रक्रिया निपटाने का निर्देश दिया है। जबकि शिक्षकों का कहना है कि डीबीटी पर आधार के अनुसार डाटा फीड करना है। ऐसे में नाम, बच्चों की जन्म तिथि को लेकर काफी त्रुटियां होंगी। उनमें सुधार करना है या फिर नए सिरे से डाटा फीड करना है, इसकों लेकर शिक्षकों को कोई जानकारी नहीं है। उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के मंत्री बीरेंद्र सिंह मे बताया कि डीबीटी एप डाउनलोड करने पर पहले से फीड किए गए छात्रों का डाटा नहीं दिखा रहा हैं। शिक्षकों को यह जानकारी नहीं है कि उसमें सुधार करना है या फिर नए सिरे से दोबारा फीड करना हैं। जब गत वर्ष एक बार सभी छात्रों का डाटा फीड हो चुका है तो दोबारा यही प्रक्रिया क्यों दोहरायी जा रही है?
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