खुले स्कूल पर बच्चों की उपस्थिति उम्मीद से कम, अभिभावकों को सता रहा कोरोना का डर
खुले स्कूल पर बच्चों की उपस्थिति उम्मीद से कम, अभिभावकों को सता रहा कोरोना का डर
वाराणसी। कोरोना काल के बाद प्राइमरी स्कूलों पर लटके ताले खुल चुके है। विद्यालय की बगिया नौनिहालों के चहल पहल से गुलजार हो चुकी है। स्कूलों की खोई रौनक लौट चुकी है और अब ठप पड़ी शिक्षा व्यवस्था एक बार फिर से पटरी पर लौट रही है। लेकिन इन सब के बीच एक अनजाना सा डर भी लोगों में समाया हुआ है और वह डर कोरोना के तीसरी लहर का है। शायद यही कारण है कि प्राइमरी स्कूलों में अब भी बच्चों की उपस्थिति संतोषजनक नहीं हो पाई है। जिले के कई प्राइमरी विद्यालयों में बच्चों की उपस्थिति अभी भी उम्मीद से कम है।
कोविड-19 की पहली और दूसरी लहर में सबसे अधिक अगर किसी चीज का नुकसान हुआ तो वह बच्चों थी बच्चों की शिक्षा
व्यवस्था । जिन नौनिहालों के कंधों पर देश के भविष्य की नींव टिकी होती है। वे कोरोना खौफ के कारण घरों में कैद हो चुके थे। स्कूलों में सियापा छाया हुआ था और देश के भविष्य कहे जाने वाले बच्चों के कॉपी, कलम और किताब आलमारियों में बंद हो गये। हालांकि इस दौरान बेसिक विभाग और शिक्षकों के प्रयास से मोहल्ला स्कूल और आनलाइन क्लासेस जैसे सराहनीय कार्य हुए
पर यह शत प्रतिशत बच्चों की पहुंच से बाहर थे। कोविड-19 की दूसरी लहर मद्धम पड़ने के बाद जब स्कूल एक बार फिर से खुले तो सबको यह विश्वास था कि अब एक बार फिर से शिक्षा व्यवस्था पर पटरी पर लौटेगी। लेकिन तब तक कोरोना के तीसरी लहर का अनजाने खौफ का डर सताने लगा। अभिभावकों के अंदर अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर भय जमा हुआ है। शायद यहीं कारण है स्कूलों में पठन-पाठन प्रारंभ होने के बाद भी अभी बच्चों की उपस्थिति शत प्रतिशत नहीं हो पा रही है। ऐसा नहीं है कि यह हाल सभी विद्यालयों का है, लेकिन ज्यादातर विद्यालयों में पंजीकृत बच्चों के सापेक्ष बच्चों की उपस्थिति उम्मीद से कम है।
तीन ब्लॉक से प्राप्त आंकड़ों पर नजर
सेवापुरी, पिडरा और चोलापुर से प्राप्त आंकड़ों को देखें तो स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है। पिंडरा ब्लाक के प्राइमरी स्कूलों में पंजीकृत 23768 बच्चों में सोमवार को सिर्फ 11000 हजार बच्चों की उपस्थित रही। इस ब्लाक में बच्चों की उपस्थित 46.28 फीसद रही। वहीं चोलापुर के 10 विद्यालयों के आंकड़ों पर नजर डालने पर जो जानकारी मिली। उसके अनुसार इन विद्यालयों में पंजीकृत 1991 विद्यार्थियों के सापेक्ष 1257 बच्चें उपस्थित रहे। जो उपस्थिति के सापेक्ष 63.13 फीसद है। वहीं सेवापुरी ब्लाक में 11998 बच्चों के सापेक्ष सोमवार को 8399 बच्चों की उपस्थित रही। जहां उपस्थिति 70 फीसद है। इन तीन ब्लाकों की उपस्थिति से से पता चलता है कि स्कूलों में अभी बच्चों की उपस्थिति शत प्रतिशत नहीं हो पा रही है। इसके पीछे का कारण कोरोना के तीसरी लहर का अंजाना खौफ भी हो सकता है।
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