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निजी स्कूलों की मनमानी:- टीसी देने के लिए स्कूल मांग रहे छह महीने की फीस, अभिभावकों ने लगाया अधिक शुल्क वसूलने का आरोप

 निजी स्कूलों की मनमानी:- टीसी देने के लिए स्कूल मांग रहे छह महीने की फीस, अभिभावकों ने लगाया अधिक शुल्क वसूलने का आरोप

प्रयागराज : निजी स्कूलों की मनमानी पर अंकुश नहीं लग रहा है। कोरोना काल में अधिक शुल्क लेने के आरोप लगते रहे, वहीं अब ट्रांसफर सार्टीफिकेट (टीसी) के लिए दौड़ाया जा रहा है। कुछ स्कूलों का कहना है कि नए सत्र के छह महीने की फीस देने के बाद ही टीसी जारी करेंगे। अभिभावकों व छात्रों में रोष है। कुछ शिकायतें जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय तक भी पहुंची हैं।


डीआइओएस आरएन विश्वकर्मा ने कहा कि कोई भी विद्यालय विद्यार्थियों या अभिभावकों को टीसी के लिए न दौड़ाएं। निर्धारित प्रक्रिया पूरी कर जल्द से जल्द टीसी जारी कर दें। कोई भी स्कूल नए सत्र की छह महीने की फीस नहीं मांग सकता। जो विद्यार्थी कक्षा आठ पास कर चुके हैं और वह टीसी लेकर दूसरे विद्यालय में जाना चाहते हैं उन्हें तत्काल टीसी दी जाए। अगली कक्षा की छह महीने की फीस वह नहीं मांग सकते हैं। स्कूलों को भी नैतिक रूप से चाहिए कि महामारी के दौर में विद्यार्थियों की मुश्किल हल करने वाले कदम उठाएं।

’>>अभिभावकों ने लगाया अधिक शुल्क वसूलने का आरोप

’>>डीआइओएस बोले-विद्यार्थियों को न किया जाए परेशान

डीएम को पत्र लिखकर लगाई गुहार

ओम प्रकाश यादव पुत्र नेब्बू लाल ने जिलाधिकारी के नाम पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने बताया है कि सत्र 2020-21 में सिंधु विद्या मंदिर इंटर कालेज में 10वीं का छात्र रहा। अब सत्र 2021-22 में केपी इंटर कालेज में प्रवेश ले रहे हैं। इसके लिए टीसी की जरूरत है लेकिन वहां नए सत्र की छह महीने की फीस मांगी जा रही है। कक्षा आठ पास कर चुके राजरूपपुर निवासी शौर्य सिंह ने बताया कि वह दूसरे विद्यालय में प्रवेश लेना चाहते हैं लेकिन जिस विद्यालय में अब तक पढ़ रहे थे, वहां नए सत्र की छह महीने की फीस मांगी जा रही है।

स्कूलों ने बंद की आनलाइन कक्षाएं

सभी स्कूलों में भौतिक कक्षाएं शुरू हो चुकी हैं। तमाम विद्यार्थी स्कूल जा रहे हैं। अब भी बहुत से अभिभावक नहीं चाहते कि उनके बच्चे विद्यालय जाएं। वह आनलाइन कक्षाओं के ही पक्षधर हैं। दूसरी तरफ बहुत से स्कूलों ने आनलाइन कक्षाएं बंद कर दी हैं जिससे स्कूल न जाने वाले बच्चों की पढ़ाई बाधित हो गई है। अभिभावकों का कहना है कि स्कूल फीस ले रहे हैं फिर भी आनलाइन कक्षाएं बंद हैं, जबकि महामारी को देखते हुए अभी बच्चों को स्कूल भेजना सुरक्षित नहीं है।

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