सीएम याेगी के शिक्षक ने साझा की यादें, बताया; कैसा था उनका छात्र जीवन
सीएम याेगी के शिक्षक ने साझा की यादें, बताया; कैसा था उनका छात्र जीवन
सबसे प्रिय शिष्य जब सूबे का मुख्यमंत्री हो तो एक शिक्षक के लिए इससे अधिक और क्या गौरवशाली हो सकता है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सफलता पर उनके शिक्षक उत्साहित भी हैं और गौरवान्वित भी। शिष्य भी अपने शिक्षक के प्रति इतना समर्पित है कि सफलता का सोपान पाकर भी वो अपने मार्गदर्शक को भूला नहीं। बल्कि , सीएम बनने के बाद पहली बार कानपुर आगमन पर शिक्षक का सम्मान कर उनको सर्वश्रेष्ठ बता दिया। इन सबमें सबसे रोचक बात है कि अपने पथ प्रदर्शक की मांग पर 24 घंटे के अंदर हाईवे से गांव को जोड़ने वाली सड़क गुरू दक्षिणा में दे दी थी।
यह हैं सीएम याेगी के शिक्षक: आज के इस खास दिन पर हम आपको मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शिक्षक महाराजपुर के खोजऊपुर निवासी नागेन्द्र नाथ बाजपेयी से रूबरू कराते हैं। नागेन्द्र नाथ बाजपेयी बताते हैं कि सन् 1986 में जब वो राजकीय इण्टरमीडिएट कालेज गजा टेहरी गढ़वाल में गणित के अध्यापक थे तब आदित्यनाथ ने कक्षा नवम में प्रवेश लिया था। तब सीएम योगी के स्कूल का नाम अजय बिष्ट हुआ करता था। इनके पिता आनंद सिंह बिष्ट वहीं पर वन विभाग के अधिकारी थी। नागेन्द्रनाथ ने अजय को 1986 से 1988 तक पढ़ाया है।
हिन्दू युवा वाहिनी ने किया सम्मानित: शिक्षक दिवस के अवसर पर रविवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को शिक्षा देने वाले उनके शिक्षक नागेन्द्र नाथ बाजपेयी का हिन्दू युवा वाहिनी के कार्यकर्ताओं ने पुष्प माला पहनाकर सम्मान किया। हिन्दू युवा वाहिनी प्रभारी विजय नारायन, मुकेश, जिला संयोजक यदुवेन्द्र, जिलाध्यक्ष प्रवीण सिंह, महामंत्री अमित और उपाध्याक्ष अखिलेश राठौर आदि इस मौके पर मौजूद रहे।
कालेज के सर्वश्रेष्ठ विद्यार्थियों में से थे अजय: नागेन्द्र नाथ बाजपेयी बताते हैं कि अजय बिष्ट बहुत मेधावी थे। गणित विषय पर उनकी बहुत अच्छी पकड़ थी।कालेज के वो सर्वश्रेष्ठ विद्यार्थी थे। वो कालेज व कक्षा में समय से पहुंचते थे, अनुशासित थे और उनका नाम कभी किसी उद्दंडता के कार्यों में नाम नहीं आया। इतना ही नहीं अपने शिक्षकों का भी वे काफी सम्मान करते थे, नागेन्द्र नाथ बताते हैं कि अपने 35 वर्षों के शिक्षक के रूप में मैंने ऐसा छात्र नहीं पाया।
मुख्यमंत्री बनने के बाद गुरू दक्षिणा में दी सड़क : योगी आदित्यनाथ सूबे के मुख्यमंत्री बनने के बाद जब पहली बार कानपुर आए थे तो उन्होंने चंद्रशेखर आजाद कृषि विश्वविद्यालय में सात सितंबर 2017 को नागेन्द्र नाथ जी को आमंत्रित कर सम्मानित किया था। साथ ही उनके साथ ही भोजन भी किया था।
इसके बाद गुरू की मांग पर सलेमपुर मोड़ हाईवे से उनके गांव खोजऊपुर जाने वाले डेढ़ किमी लिंक रोड का 24 घंटे के अंदर निर्माण शुरू कराने के निर्देश अधिकारियों को दिए थे। निर्माण शुरू होने के बाद 15 दिनों में अपने शिक्षक को सीएम योगी ने गुरू दक्षिणा के रूप में सड़क की सौगात दी थी।
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