कोरोना संक्रमण काल में बढ़ा सरकारी बेसिक स्कूल का क्रेज,स्कूलों में छात्र संख्या बढ़ने के कई कारण
कोरोना संक्रमण काल में बढ़ा सरकारी बेसिक स्कूल का क्रेज,स्कूलों में छात्र संख्या बढ़ने के कई कारण
ज्ञानपुर कोरोना काल में सरकारी स्कूलों का क्रेज बढ़ गया है। न तो जागरूकता रैली और न ही बुलावा टोली कहीं भेजी गई, बावजूद इसके स्कूलों में छात्र संख्या ने पुराने सभी रिकार्ड तोड़ दिए। पहली से आठवीं तक 1.80 लाख बच्चों ने स्कूलों में नाम लिखा लिया है। जो कि 2019 और 2020 से करीब 18 हजार अधिक है। माह के अंत तक यह संख्या और भी बढ़ सकती है।
जिले के 892 प्राथमिक, पूर्व माध्यमिक और कंपोजिट विद्यालय संचालित है। कोरोना संक्रमण के कारण गुजरे डेढ़ साल से स्कूलों में
पठन-पाठन नहीं हो सका। दूसरी लहर थमने के बाद 23 अगस्त को पूर्व माध्यमिक और एक सितंबर को प्राथमिक विद्यालय खोले गए। बच्चों की प्रभावित होती शिक्षा को देखकर चिंतित अभिभावक प्रवेश कराने में जुट गए।
स्थिति यह है कि प्रवेश सत्र के पहले पखवारे में ही छात्र संख्या एक लाख 80 हजार पहुंच चुकी है। कई स्कूलों में जरूरत से अधिक बच्चों ने प्रवेश ले लिया है। भदोही ब्लॉक के पूर्व माध्यमिक विद्यालय खेम्हईपुर में 304 बच्चों के सापेक्ष नामांकन 414 पहुंच चुका है। दो पाली में कक्षा संचालित हो रही है। आदर्श कंपोजिट स्कूल ज्ञानपुर में पिछले वर्ष के नामांकन 294 के सापेक्ष इस वर्ष 337 बच्चे नामांकित हैं। अभौली ब्लॉक के कन्या पूर्व माध्यमिक विद्यालय दानूपुर पश्चिमपट्टी, अंग्रेजी माध्यम स्कूल चककलूटी सहित कई विद्यालय ऐसे हैं जहां अधिक संख्या में बच्चों ने प्रवेश लिया।
जिला समन्वयक साक्षरता कल्पनाथ मिश्र ने बताया कि वर्ष 2019 में छात्र संख्या एक लाख 55 और 2020 में एक लाख 62 हजार थी जबकि 2021 में अब तक एक लाख 80 हजार के करीब पहुंच गई है। माह के अंत तक यह संख्या और भी बढ़ सकती है।
सरकारी स्कूल में प्रवेश के लिए पैरवी
ज्ञानपुर। करीब दशक भर पूर्व जहां सरकारी स्कूलों में प्रवेश के लिए शासन से लेकर प्रशासन स्तर से तमाम प्रयास किया जाता था, लेकिन 2021 में स्कूल में प्रवेश के लिए पैरवी करानी पड़ रही है। बीएसए भूपेंद्र नारायण सिंह ने बताया कि इस सत्र में छठवीं, सातवीं और आठवीं में प्रवेश के लिए कई लोगों ने फोन किया।
स्कूलों में छात्र संख्या बढ़ने के कई कारण
ज्ञानपुर कोरोना काल के बाद सरकारी स्कूलों में छात्र संख्या नजी स्कूलों के मुकाबले बढ़ गई है। विभाग इसकी कई वजहें बताता है। डीसी साक्षरता कल्पनाथ मिश्र ने बताया कि कोरोना संक्रमण काल में हर परिवार की आर्थिक स्थिति बिगड़ी है। निजी स्कूलों में फीस अधिक होने, जूता-मोजा, बैग स्वेटर आदि का पैसा अब सीधे बच्चों या अभिभावकों के खाते में भेजने से लोग सरकारी स्कूलों की तरफ रूख कर रहे हैं। सरकारी स्कूलों में भी शिक्षक बेहतर शिक्षा दे रहे हैं।
Post a Comment