मौजूदा हालात प्री-प्राइमरी के मंसूबे पर खरे नहीं, नई शिक्षा नीति के तहत आंगनबाड़ी में अगले सत्र से होनी है पढ़ाई
मौजूदा हालात प्री-प्राइमरी के मंसूबे पर खरे नहीं, नई शिक्षा नीति के तहत आंगनबाड़ी में अगले सत्र से होनी है पढ़ाई
औरैया। आंगनबाड़ी केंद्रों को नई शिक्षा नीति के तहत प्राथमिक स्कूलों में समाहित कर प्री-प्राइमरी क्लास शुरू करने की कवायद चल रही है। इसके लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित भी किया जा रहा है। लेकिन मौजूदा हालात सरकार के इस मंसूबे पर पानी फेर सकते हैं।
जिले में 1327 आंगनबाड़ी और 462 मिनी आंगनबाड़ी केंद्र है। इन केंद्रों पर पुष्टाहार, टीकाकरण समेत छह साल से कम उम्र के बच्चों को शिक्षा देने की जिम्मेदारी है। अधिकांश केंद्रों पर एक कार्यकर्ता समेत एक सहायिका की तैनाती है। इनमें से कुछ पंचायत भवन तो कुछ प्राइमरी स्कूल में संचालित हो रहे हैं। मौजूदा समय के हालत काफी दयनीय है। सप्ताह में सोमवार और गुरुवार को बच्चों को केंद्र पर बुलाए जाने की वजह से शेष पांच दिन केंद्रों पर ताला ही लटक रहा है। यही कारण है न तो बच्चे समय से केंद्र पहुंच पा रहे हैं और नहीं योजनाओं का ठीक तरह से क्रियान्वयन हो रहा है। बुधवार दोपहर साढ़े 11 बजे के करीब आयाना के क्षेत्र के सेंगनपुर और आयान का केंद्र बंद मिला। सँगनपुर केंद्र पर कार्यकर्ता के न आने की गांव के लोगों ने जानकारी दी। बिधूना क्षेत्र के भी कई केंद्रों पर ताला लटका मिला। गांव के लोगों तो समय ने बताया स्कूल से खुल रहे है, लेकिन आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों की उपस्थिति न के बराबर है। कोरोना काल से पहले इनकी स्थिति ठीक थी, लेकिन अब लोग ही बच्चों को नहीं भेजते है।
जिले की आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को प्री प्राइमरी के लिए ब्लाक स्तर पर स्कूलों में प्रशिक्षित किया जा रहा है। सभी को नियमित केंद्र खोलने और बच्चों को बुलाने के निर्देश है। जहां पर आंगनबाड़ी केंद्रों का निर्माण चल रहा है, उनमें तेजी लाने के निर्देश दिए गए हैं। शासन की मंशा के अनुरूप ही योजनाओं का क्रियान्वयन कराया
जा रहा है। - शरद अवस्थी, जिला कार्यक्रम अधिकारी
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