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नगर क्षेत्र की शिक्षा का हाल बेहाल: कैसे हो पढ़ाई जब शिक्षकों की है कमी

 नगर क्षेत्र की शिक्षा का हाल बेहाल: कैसे हो पढ़ाई जब शिक्षकों की है कमी

झांसी। प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों की कमी दूर नहीं हो पा रही है। नगर का कोई भी विद्यालय ऐसा नहीं है जहां शिक्षकों की संख्या पूरी हो। एक या दो शिक्षकों के भरोसे पूरे विद्यालय चलाए जा रहे हैं। इसके बावजूद बेसिक शिक्षा विभाग नवनियुक्त शिक्षकों को विद्यालय नहीं आवंटित कर रहा है और वे कार्यालय में उपस्थिति लगाकर बैठे रहते हैं।


शासन प्राथमिक शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए परिषदीय स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति बढ़ाने पर जोर दे रहा है, वहीं नगर क्षेत्र के स्कूलों में शिक्षकों की कमी पठन- पाठन का कार्य प्रभावित कर रहा है। शहर के आठ स्कूलों में एक शिक्षक ही कार्यालय के काम के साथ-साथ बच्चों को पढ़ा भी रहे हैं। एक साथ पांचवीं तक की कक्षाआें के बच्चों को पढ़ाना काफी मुश्किल हो गया है। कई विद्यालय तो ऐसे हैं जहां कक्षा आठ तक की पढ़ाई हो रही है लेकिन शिक्षकों की संख्या दो या तीन है। अभी हाल ही में अंतरजनपदीय शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया पूरी गई लेकिन उसके शिक्षक भी ग्रामीण अंचल के विद्यालयों में भेज दिए गए और नगर को एक भी शिक्षक नहीं मिला। वहीं पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति भी नहीं हो सकी है।

नगर क्षेत्र के 10 प्रतिशत विद्यालयों में हैं एकल शिक्षक
नगर क्षेत्र में 79 विद्यालय हैं। इनमें एक राजकीय और 78 परिषदीय हैं। आठ विद्यालयों में एकल शिक्षक हैं। कई ऐसे विद्यालय हैं जहां प्रधानाध्यापक नहीं हैं। सहायक अध्यापक विद्यालय का चार्ज कई वर्षों से संभाले हैं लेकिन प्रधानाध्यापक नहीं नियुक्त किए जा सके हैं। यहां तक कि कई ऐसे विद्यालय हैं जहां एक भी शिक्षक नहीं हैं और शिक्षा मित्र विद्यालय का चार्ज संभाले हैं।
संबद्ध शिक्षकों के सहारे हैं चार विद्यालय
चार विद्यालय प्राथमिक विद्यालय प्रेमगंज, मुकरयाना, दतिया गेट व प्राथमिक विद्यालय बालक खुशीपुरा ऐसे हैं जहां मूल रूप से न तो एक भी शिक्षक नहीं हैं और न ही शिक्षा मित्र। ऐसे विद्यालयों में दूसरे विद्यालयों के शिक्षकों को संबद्ध कर कक्षाएं चलाई जा रही हैं।
नगर क्षेत्र के विद्यालयों में शिक्षकों की कमी है। अधिकांश शिक्षक महिलाएं हैं जिनके मातृत्व अवकाश पर जाने से विद्यालय पूरी तरह खाली हो जाता है। ऐसे में दूसरे विद्यालयों से शिक्षकों को संबद्ध करना जरूरी हो जाता है। शासन से आदेश के बाद ही नए शिक्षक पदास्थापित किए जाएंगे।
- प्रवीण जैन, खंड शिक्षाधिकारी, नगर क्षेत्र

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