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कोरोना में पिछड़ी पढ़ाई की भरपाई के लिए प्रशिक्षित होंगे बेसिक के शिक्षक

 कोरोना में पिछड़ी पढ़ाई की भरपाई के लिए प्रशिक्षित होंगे बेसिक के शिक्षक

गोंडा। कोरोना काल में बेसिक स्कूलों की शिक्षा प्रभावित हुई और अब स्कूलों के खुलने के पढ़ाई रास्ते पर आ गई है। विभाग ने संक्रमण की वजह बंद रहे स्कूल अब खुले तो बच्चों को संबंधित कक्षा के अनुरूप तैयार करना चुनौती बना है। इसमें सुधार के लिए जिले के 2190 स्कूलों में रेडीनेस स्कूल कार्यक्रम लागू किया है। तत्परता से शिक्षा देने की रणनीति बनी है। नई रणनीति से शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जाएगा। इसके लिए 16 प्रशिक्षण केंद्र जिले के बीआरसी को बनाया गया है।


प्रत्येक बीआरसी पर उस ब्लाक के प्राथमिक स्कूलों के एक शिक्षक को रेडीनेस स्कूल कार्यक्रम का प्रशिक्षण मिलेगा। विभाग ने पूरा कार्यक्रम भेजा है, चार से पांच घंटे के प्रशिक्षण में शिक्षक को बच्चों को कैसे तत्परता से पढ़ाया जाए और संबंधित कक्षा के लायक बनाया जाए, इसके तरीके बताए जाएंगे। शासन ने छह लाख 35 हजार 100 रुपये का बजट जारी किया है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत रेडीनेस कार्यक्रम कक्षा एक से आठ तक प्रभावी होगा। पहले चरण में प्राथमिक स्कूल के एक शिक्षक की क्षमता संवर्धन किया जाना है, ताकि वे बच्चों को बेहतर तरीके से पढ़ा सकें। राज्य परियोजना कार्यालय ने योजना के तहत राज्य संदर्भ दाताओं को तैयार कर लिया है, और जिला स्तरीय संदर्भदाताओं का प्रशिक्षण लगभग पूरा हो चुका है। जिला स्तरीय संदर्भदाता शिक्षकों को प्रशिक्षित करेंगे। खंड शिक्षा अधिकारी प्रशिक्षण स्थल का चयन करेंगे। वहां पर लैपटॉप, प्रोजेक्टर स्क्रीन, इंटरनेट कनेक्टीविटी, आदि का इंतजाम होगा। जिससे प्रशिक्षण हाईटेक तरीके से दिया जा सके।

क्लास साथी एप से अंग्रेजी स्कूलों में पढ़ाई पर जोर
बेसिक शिक्षा में प्राइमरी और जूनियर हाईस्कूलों को चिह्नित किया गया है। तीन सौ से अधिक स्कूलों में अंग्रेजी मीडियम पढ़ाई की व्यवस्था दी गई है। निदेशक बेसिक शिक्षा ने अंग्रेजी मीडियम के जूनियर हाईस्कूलों में क्लास साथी एप के माध्यम से गणित व विज्ञान की शिक्षा सहज तरीके से देने का निर्देश दिया है। उन्होंने इसके माध्यम से छात्रों को विज्ञान व गणित शिक्षा की शिक्षा देने के निर्देश दिए हैं।
रेडीनेस स्कूल कार्यक्रम के प्रशिक्षण का कार्यक्रम जल्द ही तय किया जाएगा। इसके लिए निर्देश मिले हैं। इससे बच्चों के पढ़ाई के स्तर पर में सुधार होगा। विनय मोहन वन, डायट प्राचार्य

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