दावा : शिक्षकों समेत अन्य विभागों में तकरीबन साढ़े पांच लाख पद खाली, फिर भी रोजगार का संकट, देखें यह आंकड़े
दावा : शिक्षकों समेत अन्य विभागों में तकरीबन साढ़े पांच लाख पद खाली, फिर भी रोजगार का संकट, देखें यह आंकड़े
प्रदेश में विभिन्न विभागों में साढ़े पांच लाख रिक्त पदों पर भर्ती के लिए जारी आंदोलन ने तेजी पकड़ ली है। प्रदेश में वर्तमान में 21.50 लाख से ज्यादा स्वीकृत पद हैं और प्रदेश सरकार की ओर से महंगाई भत्ते में दिए गए आंकड़ों के अनुसार तकरीबन 16 लाख कर्मचारी इस समय कार्यरत हैं। ऐसे में साढ़े पांच लाख पद रिक्त पड़े हैं। रिक्त पदों पर भर्ती की मांग को लेकर प्रतियोगी छात्रों ने प्रदेश स्तर पर आंदोलन शुरू करने का निर्णय लिया है।
प्रतियोगियों का दावा है कि बेसिक शिक्षा विभाग में शिक्षकों के 126038 पद रिक्त हैं। इसमें 68500 शिक्षक भर्ती में न्यायालय में लंबित 22 हजार शेष बचे पद शामिल नहीं है। इन्हें शामिल करने पर यह संख्या 148038 हो जाएगी। इसके अलावा जूनियर परिषदीय विद्यालयों में वर्ष 2016 में बीपीएड शिक्षकों के 32022 पदों के विज्ञापन, जूनियर परिषदीय विद्यालयों में विज्ञान संवर्ग में वर्ष 2013 में शिक्षकों के 29334 पदों में से तकरीबन 8 हजार पदों पर लंबित भर्ती और प्रबंधकीय जूनियर हाईस्कूल में भी चल रही भर्ती प्रक्रिया के अतिरिक्त तीन हजार से अधिक पदों को जोड़ लिया जाए तो शिक्षकों के रिक्त पदों की संख्या 1.90 लाख के आसपास पहुंच रही है।
इसके अलावा संस्कृत व उर्दू शिक्षण संस्थाओं में तकरीबन फीसदी पद रिक्त हैं। माध्यमिक विद्यालयों (प्रबंधकीय व राजकीय) में 27 हजार पदों पर भर्ती प्रस्तावित है लेकिन अभी विज्ञापन जारी नहीं किया गया है। एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती के लिए आठ हजार से ज्यादा पदों पर भर्ती के लिए अधियाचन तैयार है और एलटी-2018 की भर्ती में भी कंप्यूटर, विज्ञान व गणित के चार हजार से ज्यादा पद रिक्त रह गए हैं।
सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में 2019 में ही टीजीटी-पीजीटी व प्रधानाचार्य के लिए तकरीबन 40 हजार पदों का अधियाचन चयन बोर्ड को प्राप्त हो चुका है। जिसमें तकरीबन 15 हजार पदों पर चयन प्रक्रिया चल रही है। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर खत्म किए गए तदर्थ शिक्षकों के एवज में भी नियमित भर्ती की जानी है। तदर्थ शिक्षकों की संख्या तकरीबन 34 हजार है। हाल में चयन बोर्ड द्वारा सर्वे कराया गया है लेकिन इसे सार्वजनिक नहीं किया गया।
रोजगार के मुद्दे पर युवा मंच के बैनर तले एक माह से जारी आंदोलन का नेतृत्व कर रहे अनिल सिंह का दावा है कि महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों में शिक्षकों के 17 हजार पदों पर भर्ती प्रस्तावित है लेकिन अभी विज्ञापन जारी नहीं किया गया है। पुलिस कांस्टेबल की दो वर्ष पहले से 52 हजार पदों पर भर्ती प्रस्तावित है।
पुलिस विभाग में वर्तमान में सभी प्रकार के एक लाख से अधिक पद रिक्त हैं, जिसमें दरोगा भर्ती के नौ हजार से ज्यादा पदों पर चयन प्रक्रिया चल रही है। अधीनस्थ सेवा चयन आयोग को 50 हजार पदों पर अधियाचन मिल चुका है, लेकिन भर्तियां लंबित हैं। समूह ‘ग’ के तकरीबन एक लाख पद रिक्त हैं। वहीं, तकनीकी संवर्ग में विभागों व तकनीकी शिक्षण संस्थाओं में तकरीबन एक लाख पद रिक्त हैं।
नौकरी के लिए बनी संयुक्त बेरोजगार संघर्ष समिति
रोजगार के मुद्दे पर कई छात्र संगठनों ने एकजुट होकर संयुक्त बेरोजगार संघर्ष समिति का गठन किया है। बेरोजगारी के खिलाफ लड़ाई की रूपरेखा एवं तैयारियों के लिए शुक्रवार को इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्रसंघ भवन पर समिति की बैठक बुलाई गई है।
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