सहायक अध्यापक ने वन चौकी के दो कमरों में किया कब्जा , वसूला जाएगा जुर्माना
सहायक अध्यापक ने वन चौकी के दो कमरों में किया कब्जा , वसूला जाएगा जुर्माना
नौगढ़। विकासखंड के प्राथमिक विद्यालय, औरवाटाड़ के एक सहायक अध्यापक के वन चौकी के दो कमरों पर कब्जा कर रहने का मामला सामने आया है। भाजपा के पूर्व मंडल अध्यक्ष और वर्तमान जिला प्रतिनिधि देवेंद्र साहनी ने इसकी शिकायत सीएम पोर्टल और जिलाधिकारी से की है। आरोप है कि शिक्षक पिछले एक साल से वन चौकी पर रह रहा है। लेकिन अधिकारियों को इस बारे में जानकारी ही नहीं है। मालूम हो कि औरवाताड़ प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक द्वारा विद्यालय के कमरे में ही चारपाई बिछाकर सोने और विद्यालय में अवैध कमरे का निर्माण करने की खबर अमर उजाला ने प्रकाशित की थी। जिसके बाद एबीएसए ने प्रधानाध्यापक को कारण
बताओ नोटिस जारी किया। प्रधानाध्यापक ने खुद अवैध निर्माण ढहाया और विद्यालय से चले गए। सोमवार को पड़ताल के लिए पहुंची अमर उजाला की टीम को भाजपा के पूर्व मंडल अध्यक्ष और जिला प्रतिनिधि देवेंद्र साहनी ने बताया कि इसी विद्यालय का एक सहायक अध्यापक पिछले एक सालों से वन चौकी के दो कमरों में कब्जा कर रह रहे हैं। देवेंद्र ने बताया कि उन्होंने इसकी शिकायत सीएम पोर्टल और जिलाधिकारी से भी ऑनलाइन किया है। सबसे बड़ी बात की स्थानीय वनाधिकारियों की भी इसमें मिली भगत है। शिक्षक एक साल से वन चौकी में रह रहे हैं पर इसकी सूचना वन विभाग के बड़े अधिकारियों को आज तक नहीं दी गई है। इन दिनों वन विभाग वन भूमि पर झोपड़ी लगाने वालों पर तो मुकदमा दर्ज करा रहा है पर इस शिक्षक ने तो वन चौकी पर ही कब्जा कर लिया है। बताया कि सहायक अध्यापक ने पहले वहां रह रहे वाचरो से मेलजोल किया, फिर एक रात ताला तोड़कर चारपाई रख दी। विरोध नहीं हुआ तो उसने अपना आशियाना बना लिया। इस संदर्भ में स्थानीय रेंजर ने ऐसे किसी मामले के प्रति अनभिज्ञता जताई। डीएफओ दिनेश सिंह ने बताया कि वन चौकी विभागीय कर्मचारियों के लिए बनाई गई है। अगर उसमें यह पाया गया कि शिक्षक काफी समय से यहां रह रहे हैं तो कमरा खाली कराने के साथ ही उनसे जुर्माना वसूला जाएगा। साथ ही इसकी जांच कराई जाएगी।
बताओ नोटिस जारी किया। प्रधानाध्यापक ने खुद अवैध निर्माण ढहाया और विद्यालय से चले गए। सोमवार को पड़ताल के लिए पहुंची अमर उजाला की टीम को भाजपा के पूर्व मंडल अध्यक्ष और जिला प्रतिनिधि देवेंद्र साहनी ने बताया कि इसी विद्यालय का एक सहायक अध्यापक पिछले एक सालों से वन चौकी के दो कमरों में कब्जा कर रह रहे हैं। देवेंद्र ने बताया कि उन्होंने इसकी शिकायत सीएम पोर्टल और जिलाधिकारी से भी ऑनलाइन किया है। सबसे बड़ी बात की स्थानीय वनाधिकारियों की भी इसमें मिली भगत है। शिक्षक एक साल से वन चौकी में रह रहे हैं पर इसकी सूचना वन विभाग के बड़े अधिकारियों को आज तक नहीं दी गई है। इन दिनों वन विभाग वन भूमि पर झोपड़ी लगाने वालों पर तो मुकदमा दर्ज करा रहा है पर इस शिक्षक ने तो वन चौकी पर ही कब्जा कर लिया है। बताया कि सहायक अध्यापक ने पहले वहां रह रहे वाचरो से मेलजोल किया, फिर एक रात ताला तोड़कर चारपाई रख दी। विरोध नहीं हुआ तो उसने अपना आशियाना बना लिया। इस संदर्भ में स्थानीय रेंजर ने ऐसे किसी मामले के प्रति अनभिज्ञता जताई। डीएफओ दिनेश सिंह ने बताया कि वन चौकी विभागीय कर्मचारियों के लिए बनाई गई है। अगर उसमें यह पाया गया कि शिक्षक काफी समय से यहां रह रहे हैं तो कमरा खाली कराने के साथ ही उनसे जुर्माना वसूला जाएगा। साथ ही इसकी जांच कराई जाएगी।
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