फर्जी प्रमाण पत्र जारी करने पर प्रधानाचार्य पर एफआइआर, BSA को जांच के आदेश
फर्जी प्रमाण पत्र जारी करने पर प्रधानाचार्य पर एफआइआर, BSA को जांच के आदेश
प्रयागराज : किशोर न्याय बोर्ड खुल्दाबाद में चल रहे एक प्रकरण में बोर्ड के समक्ष किशोर के अभिभावक द्वारा एक विद्यालय से जारी प्रमाण पत्र दाखिल किया गया। इसमें तमाम बिंदुओं पर गौर करने के बाद पाया गया कि प्रमाण पत्र फर्जी है। किशोर को लाभ पहुंचाने के लिए उसके अभिभावक ने विद्यालय के प्रधानाचार्य से मिलीभगत कर ऐसा किया था। बोर्ड द्वारा किशोर के अभिभावक व विद्यालय के प्रधानाचार्य के खिलाफ एफआइआर दर्ज
कराने का आदेश दिया। साथ ही बेसिक शिक्षा अधिकारी को जांच के आदेश दिए गए। किशोर के अभिभावक ने किशोर न्याय बोर्ड खुल्दाबाद में एक विद्यालय का प्रमाण पत्र लगाया। बताया कि उसका पुत्र अभी नाबालिग है। बोर्ड द्वारा संबंधित विद्यालय के प्रधानाचार्य को बुलाकर बयान लिया गया। सुनवाई के दौरान वादिनी मुकदमा द्वारा आपत्ति दाखिल की गई। जिस पर बोर्ड द्वारा वादिनी की ओर दाखिल साक्षीय अभिलेख के आधार पर दूसरे विद्यालय के प्रधानाचार्य को तलब किया गया। प्रधानाचार्य ने अपना बयान दर्ज कराया, जो किशोर न्याय बोर्ड द्वारा ठोस आधार लगा। कार्यवाही के दौरान बोर्ड के समक्ष यह तथ्य प्रकाश में आया कि अभिभावक ने संबंधित विद्यालय से मिलकर किशोर को लाभ दिलाने के लिए गलत तरीके से प्रमाण प्रस्तुत किए गए थे। किशोर न्याय बोर्ड प्रधान मजिस्ट्रेट शिवार्थ खरे व सदस्य नरेंद्र कुमार साहू, शीला यादव ने किशोर को बालिग घोषित करते हुए उसके मुकदमों को संबंधित न्यायालय में भेजा।
कराने का आदेश दिया। साथ ही बेसिक शिक्षा अधिकारी को जांच के आदेश दिए गए। किशोर के अभिभावक ने किशोर न्याय बोर्ड खुल्दाबाद में एक विद्यालय का प्रमाण पत्र लगाया। बताया कि उसका पुत्र अभी नाबालिग है। बोर्ड द्वारा संबंधित विद्यालय के प्रधानाचार्य को बुलाकर बयान लिया गया। सुनवाई के दौरान वादिनी मुकदमा द्वारा आपत्ति दाखिल की गई। जिस पर बोर्ड द्वारा वादिनी की ओर दाखिल साक्षीय अभिलेख के आधार पर दूसरे विद्यालय के प्रधानाचार्य को तलब किया गया। प्रधानाचार्य ने अपना बयान दर्ज कराया, जो किशोर न्याय बोर्ड द्वारा ठोस आधार लगा। कार्यवाही के दौरान बोर्ड के समक्ष यह तथ्य प्रकाश में आया कि अभिभावक ने संबंधित विद्यालय से मिलकर किशोर को लाभ दिलाने के लिए गलत तरीके से प्रमाण प्रस्तुत किए गए थे। किशोर न्याय बोर्ड प्रधान मजिस्ट्रेट शिवार्थ खरे व सदस्य नरेंद्र कुमार साहू, शीला यादव ने किशोर को बालिग घोषित करते हुए उसके मुकदमों को संबंधित न्यायालय में भेजा।
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