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शासन की शीर्ष प्राथमिकता में शुमार DBT कार्य में लापरवाही बरतने प्रभारी प्रधानाध्यापक सस्पेंड

 शासन की शीर्ष प्राथमिकता में शुमार DBT कार्य में लापरवाही बरतने प्रभारी प्रधानाध्यापक सस्पेंड

बलिया: शासन की शीर्ष प्राथमिकता में शुमार डीबीटी का कार्य प्रारंभ नहीं करने और कारण पूछने पर अभ्रदता से जवाब देने को गंभीरता से लेते हुए बेसिक शिक्षा अधिकारी शिवनारायण सिंह ने रसड़ा ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय अमहर के प्रभारी प्रधानाचार्य नमो नारायण सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।


निलंबन आदेश में बीएसए ने उल्लेख किया है कि प्रभारी प्रधानाध्यापक द्वारा अपने मूल कर्तव्यों के प्रति स्वेच्छाचारिता का आचरण करने और अध्यापक आचरण नियमावली के प्राविधानों का उल्लंघन करने के साथ ही शासन की शीर्ष प्राथमिकता योजना में यह कहना की समय मिलने पर डीबीटी का कार्य करूंगा, जो करना है कर दिया जाए, पूर्णत: कदाशायता की श्रेणी में है एवं स्पष्ट है कि प्रभारी प्रधानाध्यापक छात्रहित में कार्य नहीं करना चाहते हैं। बेसिक शिक्षा अधिकारी ने खंड शिक्षा अधिकारी, नगर बंशीधर श्रीवास्तव को जांच अधिकारी नामित करते हुए उन्हें 15 दिन के अंदर मामले की जांच कर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है। निलंबन अवधि में प्रभारी प्रधानाध्यापक को कंपोजिट विद्यालय चिलकहर से संबद्ध किया है। इस दौरान जीवन निर्वाह भत्ते की धनराशि अर्द्ध वेतन पर देय होगा।

वहीं, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा की गई कार्रवाई का उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ की जिला इकाई ने गैरवाजिब और उत्पीड़न की कारवाई बताया है। संघ के जिलाध्यक्ष जितेंद्र सिंह ने कहा है कि बीएसए शिक्षकों को अनावश्यक प्रताड़ित करते हुए निलंबित कर रहे है। यह सरासर गलत और उत्पीड़ात्मक कार्रवाई है। इसे उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ बर्दाश्त नहीं करेगा। यदि 24 घंटे के अंदर नमो नारायण सिंह के विरुद्ध की गई कार्रवाई वापस नहीं ली गई तो उप्र प्राथमिक शिक्षक संघ 21 अक्टूबर को जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी का घेराव करेगा।

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