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बेसिक शिक्षकों के संकट से जूझ रहे स्कूल, एक अध्यापक के भरोसे 100 से अधिक विद्यालय

 बेसिक शिक्षकों के संकट से जूझ रहे स्कूल, एक अध्यापक के भरोसे 100 से अधिक विद्यालय

ऊंचाहार। प्राथमिक विद्यालय सरायं भान में 95 बच्चों को पढ़ाने की जिम्मेदारी शिक्षक गंगा प्रसाद करीब आठ महीने से निभा रहे हैं। प्राथमिक विद्यालय पूरे लल्ला पांडे में 88 बच्चों को शिक्षक अमर बहादुर, प्राथमिक विद्यालय बांधा बैरी में 45 बच्चों को शिक्षक विनय कुमार सिंह, प्राइमरी स्कूल गंगागढ़ में 75 बच्चों को सतीश श्रीवास्तव पढ़ाते हैं। प्रभारी बीईओ राजेश राम ने बताया कि उच्चाधिकारियों को अवगत करा दिया गया है।




एक शिक्षक के कंधे पर पांच कक्षाओं का जिम्मा
गदागंज। दीनशाह गौरा विकास क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय पूरे कैथन में प्रधानाध्यापक राम अवध मौर्य के कंधे पर ही पांचों कक्षाओं के बच्चों को पढ़ाने की जिम्मेदारी है। यहां 44 बच्चे नामांकित हैं। विद्यालय संचालन और पठन-पाठन के लिए सिर्फ एक शिक्षक ही तैनात है।

डीह के दो स्कूलों में एक-एक शिक्षक
डीह। दो प्राथमिक विद्यालयों में एक-एक शिक्षक तैनात है। प्राथमिक विद्यालय रसीदपुर में 60 बच्चों को शिक्षक नकछेद भारती और प्राथमिक विद्यालय अटावां में 56 बच्चों को शिक्षिका रश्मि पढ़ाती हैं। दूसरी तरफ प्राथमिक विद्यालय मऊ में 350 बच्चे हैं तो इन्हें पढ़ाने के लिए 12 शिक्षक तैनात हैं। प्राथमिक विद्यालय बेतौरा में बच्चे 374 और शिक्षक 11 हैं। बीईओ शिवशंकर मिश्रा ने बताया कि एकल विद्यालयों के लिए शिक्षकों की मांग की गई है।
रायबरेली। बेसिक शिक्षा विभाग में नए शिक्षकों की भर्ती के बाद भी परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों का संकट दूर नहीं हो रहा है। छात्र संख्या के आधार पर दो साल पहले हुए पद सृजन के आधार पर लगभग नौ हजार शिक्षक होने चाहिए, लेकिन वर्तमान में तैनात शिक्षकों की संख्या लगभग आठ हजार है।
इस साल छात्र संख्या भी काफी बढ़ी है। यही वजह है कि जिले के 100 से अधिक स्कूल एक शिक्षक को भरोसे चल रहे हैं। इन स्कूलों में शिक्षक को पठन-पाठन के साथ अन्य विभागीय कामकाज भी निपटाने होते हैं। ऐसे में बच्चों की पढ़ाई प्रभावित रहती है। दूसरी तरफ कई स्कूलों में शिक्षकों की संख्या ज्यादा है। जिले में प्राथमिक, उच्च प्राथमिक और कंपोजिट स्कूलों की संख्या 2298 है।
पढ़ाने के साथ शिक्षकों पर दूसरे कार्यों का भी जिम्मा
महराजगंज/बछरावां। बच्चों को पढ़ाने के साथ शिक्षकों को दूसरे कार्यों की जिम्मेदारी भी निभानी पड़ती है। महराजगंज विकास क्षेत्र के 95 प्राइमरी, 15 जूनियर और 19 कंपोजिट स्कूलों में 409 शिक्षक तैनात हैं। प्राथमिक विद्यालय ताजुद्दीनपुर, गंगागंज, ऐलहना, अनवरगंज, चिरैंधा, नेवलगंज, सिरसा, जूनियर हाईस्कूल अंदूपुर, बरियारपुर समेत कई स्कूलों में एक-एक शिक्षक है।
बीईओ सुरेश कुमार का कहना है कि एकल विद्यालयों में शिक्षकों की तैनाती के लिए पत्राचार किया गया है। प्राथमिक शिक्षक संघ के ब्लॉक अध्यक्ष विनोद कुमार अवस्थी का कहना है कि एकल विद्यालयों में शिक्षण कार्य काफी प्रभावित रहता है। शिक्षक छुट्टी पर चला जाए तो स्कूल में ताला लग जाता है।
बछरावां विकास क्षेत्र में प्राथमिक विद्यालय बरचंडा, गूजरपुर, मेहरबानखेड़ा, रामपुर खांडेखेरा, दइजुआ खेड़ा में एक-एक शिक्षक कार्यरत है। दूसरी ओर प्राथमिक विद्यालय सुदौली में सात, उच्च प्राथमिक विद्यालय सुदौली में छह, कंपोजिट विद्यालय कन्नावा में 16 अध्यापक तैनात है। बीईओ पद्मशेखर मौर्य ने कहा है कि समायोजन से समस्या काफी हद तक दूर हो सकती है।
अभी हाल ही में हुई शिक्षकों की भर्ती से समस्या काफी कम हुई है। पूरी कोशिश की गई कि कोई भी विद्यालय एकल शिक्षक के भरोसे न रहे। समायोजन के संबंध में अभी कोई निर्देश नहीं मिला है।
-शिवेंद्र प्रताप सिंह, बीएसए

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