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परिषदीय बच्चों की उपस्थिति में खेल, गैरहाजिर बच्चों की भी लगाई जा रही हाजिरी

 परिषदीय बच्चों की उपस्थिति में खेल, गैरहाजिर बच्चों की भी लगाई जा रही हाजिरी

नगला मेवा में शिक्षक गैरहाजिर बच्चों की भी रजिस्टर में उपस्थिति दिखा रहे हैं। सोमवार को बीएसए अंजलि अग्रवाल स्कूल में पहुंची तो मामला पकड़ में आ गया। वहीं एका में दो स्कूल बंद मिले। स्कूलों के शिक्षकों को नोटिस भेज स्पष्टीकरण तलब किया है।


सोमवार को बीएसए अंजलि अग्रवाल साढ़े 11 बजे करीब नगला मेवा पहुंची तो अनुदेशक प्रदीप सिंह एवं शिवम गैरहाजिर थे। एक बच्चे द्वारा शनिवार को नहीं आने की बात कही, लेकिन उसकी रजिस्टर में हाजिरी थी। बीएसए ने अन्य बच्चों से पूछा तो कई बच्चे ऐसे मिले, जो शनिवार को नहीं आए थे, लेकिन हाजिरी लगी हुई थी। इस पर हैड सहित शिक्षकों से जवाब तलब किया जा रहा है। स्कूल में 106 बच्चे ही पंजीकृत हैं, जबकि क्लास में 25-26 बच्चे थे। इस पर भी बीएसए ने नाराजगी जताई। वहीं प्राथमिक विद्यालय पैढ़त बीएसए को सुबह साढ़े नौ बजे बंद मिला। स्कूल के बाहर बच्चे स्कूल खुलने का इंतजार कर रहे थे। प्राथमिक स्कूल बहेड़ी में बीएसए पहुंची तो 9.52 बजे शिक्षक पुष्पेंद्र पाल सिंह प्रार्थना करा रहे थे। प्रधानाध्यापक महेश चंद्र एवं शिक्षक धीरेंद्र सिंह बीएसए के सामने स्कूल पहुंचे। स्कूल में बीएसए को देख हड़बड़ा गए। इनसे भी जवाब तलब किया जा रहा है। वहीं फरीदा स्कूल में 10.40 बजे विवेक कुमार एवं सपना गैर हाजिर थे।

बच्चों को उपस्थित दिखाने के पीछे हो रहा खेल

सरकारी स्कूलों में एक ओर मौसम परिवर्तन के बाद कुछ बच्चे स्कूल नहीं जा रहे हैं तो दूसरी ओर तमाम बच्चों के नाम स्कूलों में दर्ज कर लिए गए हैं। आखिर यह बच्चे स्कूल आते हैं कि नहीं, यह जांच का विषय है। बीएसए द्वारा सोमवार को एका क्षेत्र में स्कूल नहीं आने वाले बच्चों की हाजिरी लगाने का मामला पकड़ में आने के बाद यह सवाल उठना लाजमी है। स्कूलों में आ रही कन्वर्जन मनी के साथ-साथ ड्रेस के लिए मिलने वाले पैसे भी आखिर इन बच्चों को मिल पाती है या नहीं, यह भी जांच में शामिल होना जरूरी है। स्कूल चलो अभियान के दौरान गलत तरीके से अगर स्कूलों में बच्चों के नाम जोड़कर दिखावा किया जा रहा है तो इससे शिक्षा की स्थिति पर असर पड़ेगा। ऐसे स्कूलों की जांच के साथ-साथ इस तरह का कार्य करने वालों पर भी कार्यवाही तय होना जरूरी है। अगर बेसिक शिक्षा अधिकारी सोमवार को निरीक्षण के लिए नहीं निकलती तो यह गोलमाल सामने नहीं आ पाता। यह एक दो स्कूल का मामला नहीं है। तमाम स्कूलों में बच्चों की गलत तरीके से नाम जोड़े गए हैं।

बच्चों को नहीं मिलता फल एवं दूध

नगला मेवा में फल एवं दूध का वितरण भी नहीं होता है। बीएसए ने जब बच्चों से इस संबंध में पूछा तो सभी ने कहा कि फल नहीं मिलते हैं। शिक्षक इस संबंध में कोई भी संतोषजनक जवाब नहीं दे सके।

शिक्षकों से बार-बार आह्वान कर रहे हैं कि सुबह वक्त पर स्कूल खोलें, लेकिन कुछ शिक्षक इसके बाद भी रवैया नहीं बदल रहे हैं। स्कूल बंद मिलना बड़ी लापरवाही है, शिक्षकों पर कार्रवाई की जा रही है।

अंजलि अग्रवाल, बीएसए

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