NCTE हुआ सख्त:- शिक्षक प्रशिक्षण संस्थानों की गुणवत्ता से अब नहीं होगा कोई समझौता, उपलब्ध करानी होगी ये जानकारियां, होगी जियो टैगिंग
NCTE हुआ सख्त:- शिक्षक प्रशिक्षण संस्थानों की गुणवत्ता से अब नहीं होगा कोई समझौता, उपलब्ध करानी होगी ये जानकारियां, होगी जियो टैगिंग
शिक्षक प्रशिक्षण संस्थानों की गुणवत्ता से अब नहीं होगा कोई समझौता, उपलब्ध करानी होगी ये जानकारियां
◆ सभी संस्थानों को अब हर साल देनी होगी अपने इंफ्रास्ट्रक्चर, फैकल्टी और संचालित कोर्सो की जानकारी
◆ अध्यापक शिक्षा संस्थानों की होगी जियो टैगिंग
Teacher education institutions एनसीटीई की ओर से अध्यापक शिक्षा संस्थानों के मूल्यांकन का एक विस्तृत फार्मेट तैयार किया गया है जिसमें सभी संस्थानों को आनलाइन ही सारी जानकारी देनी होगी। हालांकि यह सारा कुछ उन्हें शपथपत्र में देना होगा।
नई दिल्ली। अध्यापक शिक्षा संस्थानों ( टीईआइ) की गुणवत्ता से अब कोई समझौता नहीं होगा। सभी संस्थानों को राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) के तय मानकों को पूरा करना होगा। साथ ही हर साल अब संस्थान के प्रदर्शन और इंफ्रास्ट्रक्चर आदि से जुड़ी पूरी जानकारी मुहैया करानी होगी। इसमें संस्थान में पढ़ाने वाली फैकल्टी का पूरा ब्योरा एक शपथ-पत्र में देना होगा। माना जा रहा है कि इन सारी जानकारी के आधार पर ही इन्हें नए शैक्षणिक सत्र में कोर्सो को चलाने की अनुमति देने या नहीं देने का फैसला होगा।
खास बात यह है कि एनसीटीई की ओर से अध्यापक शिक्षा संस्थानों के मूल्यांकन का एक विस्तृत फार्मेट तैयार किया गया है, जिसमें सभी संस्थानों को आनलाइन ही सारी जानकारी देनी होगी। हालांकि यह सारा कुछ उन्हें शपथपत्र में देना होगा। यानी गलत जानकारी देने पर उनके खिलाफ कार्रवाई भी हो सकती है। इतना ही नहीं संस्थानों को अपना सालाना वित्तीय लेखा-जोखा भी देना होगा। जिसमें वेतन आदि का ब्योरा भी होगा। यह इसलिए अहम है क्योंकि अक्सर देखने को मिलता है कि इन कोर्सो को शुरू करने की मान्यता लेने के समय संस्थान सारी जानकारी दे देते हैं, लेकिन बाद में वे तय मानकों को पूरा करने पर ध्यान नहीं देते। इसके चलते अध्यापक शिक्षा की गुणवत्ता प्रभावित होती है।
एनसीटीई के मुताबिक, अध्यापक शिक्षा संस्थानों को सालाना प्रदर्शन मूल्यांकन रिपोर्ट (पीएआर) देने के नियम वैसे तो 2018-19 से लागू किए गए थे, लेकिन सरकारी संस्थानों को छोड़कर ज्यादातर निजी संस्थान इस फैसले के खिलाफ अदालत चले गए थे। इसके चलते यह प्रक्रिया लटक गई थी। अब सभी संस्थानों के लिए प्रदर्शन मूल्यांकन रिपोर्ट देना जरूरी होगा। एनसीटीई ने 29 जनवरी, 2022 तक इस साल के प्रदर्शन का ब्योरा उपलब्ध कराने को कहा है। मालूम हो कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भी अध्यापक शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार पर जोर दिया गया है। साथ ही संस्थानों को भी तय मानकों पर परखने की सिफारिश की गई है।
अध्यापक शिक्षा संस्थानों की होगी जियो टैगिंग
एनसीटीई के मुताबिक सभी अध्यापक शिक्षा संस्थानों की जियो टैगिंग भी होगी। इसके लिए सभी संस्थानों को जरूरी निर्देश दिए गए हैं। प्रदर्शन मूल्यांकन रिपोर्ट के साथ सभी से इसकी जानकारी भी मांगी गई है। रिपोर्ट के साथ संस्थान के भवन, लैब, पुस्तकालय आदि की फोटो और वीडियो भी मुहैया करना जरूरी होगा। संचालित कोर्सों की ली गई मंजूरी के दस्तावेज भी देने होंगे। एनसीटीई से जुड़े अधिकारियों की मानें तो किसी संस्थान के दस्तावेज को लेकर संदेह होने पर उसका थर्ड पार्टी सर्वे भी कराया जाएगा।
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