TGT-PGT शिक्षक भर्ती में तदर्थ शिक्षकों को भारांक देने में भारी गड़बड़ी, जवाब तलब
TGT-PGT शिक्षक भर्ती में तदर्थ शिक्षकों को भारांक देने में भारी गड़बड़ी, जवाब तलब
अशासकीय सहायताप्राप्त (एडेड) माध्यमिक कालेजों की प्रवक्ता व प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक भर्ती में तदर्थ शिक्षक पहली बार लिखित परीक्षा में शामिल हुए, उन्हें शिक्षामित्रों की तर्ज पर भारांक (वेटेज) भी दिया जाना था, ताकि उनका चयन आसानी से हो सके। भर्ती के लिए 1446 आवेदन हुए जबकि सिर्फ 126 तदर्थ शिक्षकों को ही भारांक मिला है। इतना ही नहीं 1300 से अधिक तदर्थ शिक्षकों को जिला विद्यालय निरीक्षकों ने सही नहीं पाया।
प्रदेश के एडेड माध्यमिक कालेजों में तदर्थ शिक्षक बड़ी संख्या में तैनात हैं। तदर्थ शिक्षक सरकार व न्यायालय से नियमित किए जाने की मांग कर रहे थे। सुप्रीम कोर्ट ने संजय सिंह बनाम उप्र राज्य की याचिका की सुनवाई करते हुए निर्देश दिया कि चयन प्रक्रिया में तदर्थ शिक्षकों को भी शामिल किया जाए। इसके बाद माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड ने प्रवक्ता व प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक भर्ती 2021 के 15,198 पदों के लिए आवेदन मांगे, इसमें तदर्थ शिक्षकों को भी मौका दिया गया।
चयन बोर्ड ने तदर्थ शिक्षकों को एक वर्ष की सेवा पर 1.5 व अधिकतम 30 भारांक देने का निर्णय लिया। चयन बोर्ड ने यह स्पष्ट नहीं किया कि कुल कितने तदर्थ शिक्षकों ने भर्ती में आवेदन किया। शिक्षक भर्ती का परिणाम आ चुका है। सुप्रीम कोर्ट में नौ नवंबर को संजय सिंह मामले की सुनवाई हुई, इसमें तदर्थ शिक्षकों का चयन न हो पाने के मामले का कोर्ट ने संज्ञान लिया। तब सामने आया कि चयन बोर्ड ने सिर्फ 126 तदर्थ शिक्षकों को ही भारांक दिया है। बोर्ड ने कोर्ट के निर्देश पर तदर्थ शिक्षकों का सत्यापन करने के लिए छह ¨बदु तय किए थे। इसके चलते बड़ी संख्या में तदर्थ शिक्षकों का सत्यापन नहीं हो सका। अपर शिक्षा निदेशक माध्यमिक डा. महेंद्र देव ने जिला विद्यालय निरीक्षकों से मामले में जवाब तलब किया है।
रास्ता निकालेगी सरकार: शर्मा
उप मुख्यमंत्री डा. दिनेश शर्मा ने कहा है कि तदर्थ शिक्षकों पर सरकार गंभीर है, उन्हें बेरोजगार नहीं रहने देगी, चयन बोर्ड स्वायत्तशासी संस्था है, उसने कोर्ट के निर्देशों का अनुपालन करते हुए चयन किया है, अब सरकार इन शिक्षकों की सेवा बरकरार रहे इसका रास्ता निकालेगी।, डा. दिनेश शर्मा
ये होते हैं तदर्थ शिक्षक
विद्यालय में शिक्षक की कमी होने पर उसकी सूचना चयन बोर्ड को भेजी जाती है। चयन बोर्ड से शिक्षक के आने तक प्रबंधक, जिला विद्यालय निरीक्षक से अनुमति प्राप्त करके तदर्थ शिक्षक की नियुक्ति करता है और चयन बोर्ड से शिक्षक के आने पर उसे हटा दिया जाता है।
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