2024 तक ब्लॉक स्तर पर होगा एक आदर्श विद्यालय, देश में 15,000 से अधिक स्कूलों को आदर्श स्कूल के रूप में विकसित करने का खाका तैयार
2024 तक ब्लॉक स्तर पर होगा एक आदर्श विद्यालय, देश में 15,000 से अधिक स्कूलों को आदर्श स्कूल के रूप में विकसित करने का खाका तैयार
सरकार ने देश में 15,000 से अधिक स्कूलों को आदर्श स्कूल के रूप में विकसित करने का खाका तैयार किया है और इस प्रस्ताव पर वित्त मंत्रालय विचार कर रहा है । इसके तहत सरकार 2024 तक प्रत्येक ब्लाक स्तर पर कम से कम एक आदर्श स्कूल विकसित करना चाहती है। सूत्रों ने यह जानकारी दी। सूत्रों ने ‘भाषा’ को बताया, ”शिक्षा मंत्रालय ने आदर्श स्कूल (एक्जेमप्लर स्कूल) संबंधी मसौदा नोट हाल में मंजूरी के लिए वित्त मंत्रालय के पास भेजा है।
”वित्त मंत्रालय की स्वीकृति के बाद प्रस्ताव को मंजूरी के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल के पास भेजा जाएगा। शिक्षा मंत्रालय इसे लेकर एक नई योजना भी लाने की तैयारी में है जिसके तहत इन स्कूलों को विकसित किया जाएगा। खास बात यह है कि ये सभी स्कूल सरकारी ही होंगे, जिनका चयन राज्यों के साथ मिलकर किया जाएगा।
गौरतलब है कि इस वर्ष के आम बजट में देश में आदर्श स्कूल स्थापित करने की योजना की घोषणा की गई थी। सूत्रों ने बताया कि आदर्श स्कूलों की इस प्रस्तावित योजना के तहत देशभर में कुल 15,552 सरकारी स्कूलों को आदर्श रूप में विकसित किया जायेगा। उन्होंने बताया कि प्रस्ताव में प्रत्येक ब्लॉक में एक प्रारंभिक और एक प्राथमिक स्कूल और प्रत्येक जिले में एक माध्यमिक और एक उच्च माध्यमिक स्कूल को उत्कृष्ट स्कूलों के रूप में विकसित करने का लक्ष्य रखा गया है।
गौरतलब है कि इस वर्ष के आम बजट में देश में आदर्श स्कूल स्थापित करने की योजना की घोषणा की गई थी। सूत्रों ने बताया कि आदर्श स्कूलों की इस प्रस्तावित योजना के तहत देशभर में कुल 15,552 सरकारी स्कूलों को आदर्श रूप में विकसित किया जायेगा। उन्होंने बताया कि प्रस्ताव में प्रत्येक ब्लॉक में एक प्रारंभिक और एक प्राथमिक स्कूल और प्रत्येक जिले में एक माध्यमिक और एक उच्च माध्यमिक स्कूल को उत्कृष्ट स्कूलों के रूप में विकसित करने का लक्ष्य रखा गया है।
प्रस्ताव के अनुसार आदर्श स्कूल में सभी छात्रों के लिए एक सुरक्षित, प्रोत्साहित करने वाले शैक्षिक वातावरण में सीखने एवं विविध अनुभव प्रदान करने वाली अच्छी ढांचागत व्यवस्था एवं समुचित संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करने की बात कही गई है। सूत्रों ने कहा कि ये स्कूल राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के कार्यान्वयन में मदद करेंगे और अपने-अपने क्षेत्रों में उत्कृष्टता के अनुकरणीय विद्यालयों के रूप में उभरेंगे। इन स्कूलों में अपनायी गई शिक्षा व्यवस्था अधिक प्रायोगिक, समग्र, एकीकृत, वास्तविक जीवन की स्थितियों पर आधारित, जिज्ञासा एवं शिक्षार्थी केंद्रित, चर्चा आधारित, लचीला एवं सुखद होगा। इनमें स्मार्ट कक्षा, पुस्तकालय, कौशल प्रयोगशाला, खेल का मैदान, कंप्यूटर प्रयोगशाला, विज्ञान प्रयोगशाला आदि सभी सुविधाएं होंगी।
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