69000 शिक्षक भर्ती: अधिकारियों की चूक मात्र विसंगति अभ्यर्थियों की त्रुटि पर सेवा खत्म
69000 शिक्षक भर्ती: अधिकारियों की चूक मात्र विसंगति अभ्यर्थियों की त्रुटि पर सेवा खत्म
बेसिक शिक्षा मंत्री डा. सतीश द्विवेदी ने 69000 शिक्षक भर्ती में आरक्षित वर्ग के करीब छह हजार अभ्यर्थियों का चयन न हो पाने को विसंगति माना है। यह भी कहा कि अधिकारियों की चूक से ऐसा हुआ, विसंगति दूर की जा रही है। विभाग चयन सूची में गड़बड़ी करने वालों की जिम्मेदारी तय नहीं कर सका है। इसके उलट इसी भर्ती में हाईस्कूल, इंटरमीडिएट, स्नातक व प्रशिक्षण परीक्षा के अंक वेबसाइट पर दर्ज करने में त्रुटि करने वाले अभ्यर्थियों की सेवा समाप्त की जा चुकी है।
बेसिक शिक्षा विभाग सहायक अध्यापक भर्ती में समान गलती पर अधिकारियों व अभ्यर्थियों को अलग चश्मे से निहार रहा है। फिरोजाबाद जिले में अंकित यादव का स्नातक परीक्षा का प्राप्तांक 2237 रहा, जबकि 2297 दर्ज हो गया। रायबरेली के जनमेजय शुक्ल ने बीटीसी थ्योरी का प्राप्तांक 1214 की जगह 1412 दर्ज कर दिया, प्रयागराज के आशुतोष श्रीवास्तव ने बीएड थ्योरी के कालम में प्रैक्टिकल व प्रैक्टिकल के कालम में थ्योरी के अंक दर्ज कर दिए। आजमगढ़ के आशीष त्रिपाठी ने इंटरमीडिएट का प्राप्तांक 335 की जगह 355 दर्ज किया, सीतापुर की शिवांगी का हाईस्कूल में प्राप्तांक 462 रहा लेकिन, भर्ती की वेबसाइट पर 477 दर्ज हो गया, ऐसे ही फरुखाबाद की ज्योति अवस्थी का स्नातक में प्राप्तांक 1017 था और चूकवश 1071 दर्ज हो गया था।
इन अभ्यर्थियों ने भर्ती की लिखित परीक्षा में शानदार अंक हासिल किए थे और एकेडमिक रिकार्ड भी बेहतर होने से उन्हें 70 प्रतिशत से अधिक गुणांक मिला, शिक्षक पद पर चयनित होकर विद्यालय भी पा गए लेकिन, भर्ती की वेबसाइट पर अंक दर्ज करने की उन्हें बड़ी कीमत चुकानी पड़ी है, सभी को शिक्षक पद से हटा दिया गया है। कुछ चयनित करीब तीन माह का वेतन तक पा चुके थे उन्हें भी त्रुटि होने पर बाहर कर दिया गया। शिक्षक बनने के बाद मामूली त्रुटि से बाहर होने वालों में सीतापुर की बबली पाल, गोरखपुर की कुमुद श्री, प्रतापगढ़ के सतवंत पटेल, महोबा की स्वाति सिंह, रायबरेली की गायत्री यादव, सीतापुर की रुचि शुक्ला, सुलतानपुर के सौरभ पांडेय सहित करीब 250 से 300 अभ्यर्थी हैं।
बेसिक शिक्षा परिषद के जिन अफसर व कार्मिकों ने लगभग छह हजार आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को चयन सूची में जगह नहीं दी, उनकी जिम्मेदारी तक विभाग तय नहीं कर सका है। ये हाल तब है जब राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने अपनी रिपोर्ट में चयन सूची को गड़बड़ माना और छह माह से अभ्यर्थी आंदोलन प्रदर्शन करके सरकार की किरकिरी करा रहे थे।
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