Header Ads

अपनी कक्षा के अनुरूप समझ नहीं पाते बच्चे, सरकारी शिक्षकों के सामने की कई तरह की चुनौतियां

 अपनी कक्षा के अनुरूप समझ नहीं पाते बच्चे, सरकारी शिक्षकों के सामने की कई तरह की चुनौतियां

सरकारी प्राइमरी स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों के सामने की कई तरह की चुनौतियां हैं। असर (एनुअल स्टेटस ऑफ एजुकेशन रिपोर्ट 2021) की रिपोर्ट में यह सामने आया है। रिपोर्ट के मुताबिक 70 फीसदी शिक्षकों को सामने पढ़ाते समय चुनौतियां आ रही हैं।


46 प्रतिशत शिक्षकों ने स्वीकारा कि उन्हें एक ही चीज को कई-कई बार पढ़ाना पड़ता है यानी बच्चों को एक या दो बार मे समझ नही आता है। 29 फीसदी शिक्षकों का मानना है कि बच्चों की उपस्थिति कक्षा में कम रहती है।

सरकार का सबसे ज्यादा जोर ग्रेडेड लर्निंग पर है यानी अपनी कक्षा के मुताबिक बच्चों को न्यूनतम ज्ञान होना चाहिए लेकिन 65 ़फीसदी शिक्षकों ने माना कि बच्चे अपने ग्रेड के स्तर का पाठ्यक्रम समझ नहीं पा रहे हैं। भले ही बीते डेढ़ वर्षो से कोरोना संक्रमण के चलते ऑनलाइन प्लेटफार्म पर पढ़ाने की गतिविधियां बढ़ाई गई हों लेकिन 22 ़फीसदी शिक्षक मानते हैं कि गांव में तकनीकी या नेटवर्क की कई दिक्कतें हैं।

कोई टिप्पणी नहीं