सावधान : इनकम टैक्स रिटर्न में इन छह गलतियों से बचें
सावधान : इनकम टैक्स रिटर्न में इन छह गलतियों से बचें
नई दिल्ली | अभिषेक सोनी
वेतन से आय और एक घर की संपत्ति वाले करदाताओं के लिए आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करना आसान है क्योंकि वह आसानी से आईटीआर-1 भर सकते हैं। हालांकि, उन करदाताओं के लिए ऐसा नहीं कहा जा सकता है, जिन्हें अधिक जटिल आईटीआर-2,आईटीआर-3 या आईटीआर-4 का उपयोग करके अपना कर रिटर्न दाखिल करना पड़ता है। करदाता कुछ ऐसी गलतियां कर रहे हैं जो परेशानी का सबब बन जाती हैं। हम छह गलतियों से बचने के तरीके बता रहें जिन्हें सामान्यत: लोग करते हैं।
दो से अधिक संपत्तियों का विवरण न देना
हर किसी के पास दो या दो से अधिक संपत्तियां नहीं होती हैं, जिनके पास है उन्हें उसकी जानकारी आईटीआर में देनी चाहिए। दो संपत्तियों को स्व-अधिकृत के रूप में दावा किया जा सकता है और शेष संपत्तियों को किराये पर चढ़ाया माना जाता है। भले ही संपत्ति पूरे वर्ष खाली रही हो। इन विसंगतियों को कर चोरी माना जा सकता है।
अपूर्ण और गलत बैंक विवरण बनेगा मुसीबत
गलत बैंक विवरण भरना एक सामान्य गलती है। गलत या अपूर्ण बैंक विवरण आयकर विभाग के लिए आपके बैंक खाते में रिफंड कठिन बना सकता है। समय के भीतर अपने रिफंड का दावा करने के लिए यह सुनिश्चित करें कि बैंक विवरण जैसे बैंक खाता संख्या, धारक का नाम और आईएफएससी कोड सही हैं। इसके अलावा, बैंक खाते को आईटीआर में पूर्व-अनुमति देना (लिंक करना) याद रखें। ऐसा न करने पर आयकर विभाग आपके रिफंड की प्रक्रिया को पूरा नहीं कर पाएगा।
फॉर्म 26एएस का मिलान करना बिल्कुल न भूलें
फॉर्म 26एएस की दोबारा जांच कर लेनी चाहिए। इसमें किसी व्यक्ति की आय, टीडीएस, अग्रिम कर, स्व-मूल्यांकन कर और कई जानकारियां शामिल हैं। सभी वेतनभोगी लोगों को नियोक्ता के फॉर्म 16 और फॉर्म 26एएस के साथ अपनी जानकारी का मिलान करना चाहिए। उदाहरण के लिए, यदि आय में विसंगति पाई जाती है, तो आयकर विभाग नोटिस जारी करेगा। हाल ही में,आयकर विभाग द्वारा वार्षिक सूचना विवरण (एआईएस) भी लॉन्च किया था। रिटर्न के पहले एआईएस को जरूर देखें।
टैक्स छूट प्राप्त आय का उल्लेख नहीं करना
करदाता छूट वाली आय का उल्लेख नहीं करते। धारणा यह है कि चूंकि छूट प्राप्त आय कर योग्य नहीं है, इसलिए उनका उल्लेख करने की आवश्यकता नहीं है। यह सच नहीं है। करदाता को आईटीआर दाखिल करने की आवश्यकता होती है यदि कुल आय 2.5 लाख से अधिक है या यदि वे कुछ शर्तों को पूरा करते हैं, भले ही कुल आय 2.5 लाख से कम हो। उदाहरण के लिए, यदि किसी व्यक्ति ने एक वित्तीय वर्ष के दौरान विदेश यात्रा में दो लाख से अधिक खर्च किए हैं, तो उसे आईटीआर दाखिल करना चाहिए।
गलत खुलासा करना
सभी आय स्रोतों और संपत्तियों का गलत खुलासा करदाताओं के बीच एक अपेक्षाकृत सामान्य गलती है। उदाहरण के लिए, यदि कोई व्यक्ति जानबूझकर सभी स्रोतों से अपनी कुल आय के बारे में गलत जानकारी देने का प्रयास करता है, तो उसे कारावास या जुर्माना या दोनों हो सकता है। इसी तरह, यदि गलत आईटीआर फॉर्म के माध्यम से आईटीआर दाखिल किया जाता है, तो कर अधिकारी रिटर्न को दोषपूर्ण मान सकता है।
अग्रिम कर का भुगतान नहीं करना
कई बार करदाताओं को इस बात की जानकारी नहीं होती है कि उन्हें अग्रिम कर का भुगतान करने की आवश्यकता है। एक वेतनभोगी व्यक्ति को अग्रिम कर का भुगतान करने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि नियोक्ताओं को मासिक वेतन या टीडीएस से लागू कर की कटौती करने की आवश्यकता होती है। हालांकि, अगर आपके पास आय के अन्य स्रोत हैं, तो अग्रिम कर का भुगतान करना चाहिए।
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