टीईटी पेपर लीक प्रकरण: अजित और सुमित की तलाश में एसटीएफ की दबिश
टीईटी पेपर लीक प्रकरण: अजित और सुमित की तलाश में एसटीएफ की दबिश
मेरठ। टीईटी प्रकरण में अजित उर्फ बिट्टू निवासी खेड़ा हटाना बड़ौत और सुमित निवासी सोनीपत हरियाणा की तलाश में शुक्रवार को एसटीएफ ने दबिश दी है। पुलिस का कहना है कि लीक हुआ पेपर बेचने के लिए दो गैंग बनने थे। एक गैंग मथुरा में और दूसरा लोनी गाजियाबाद बस अड्डे के पास तय था।
एसटीएफ मेरठ ने बृहस्पतिवार को विकास पंवार उर्फ ताऊ निवासी एलम कांधला, शामली को गिरफ्तार कर शामली कोतवाली पुलिस को सौंपा है। शुक्रवार को शामली पुलिस ने उसे कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे जेल भेजा गया। आरोपी विकास ने अजित उर्फ बिट्टू और सुमित के नाम बताए हैं। अब इन्हें नामजद आरोपी बनाया गया है। शुक्रवार को एसटीएफ ने फरार अजित की तलाश में बड़ौत और सुमित की तलाश में सोनीपत हरियाणा में दबिश दी, लेकिन दोनों ही आरोपी हत्थे नहीं चढ़े। सीओ एसटीएफ ने बताया है कि अजित का भाई रेलवे विभाग में कर्मचारी है और भाभी बैंक में है, जबकि सुमित के परिवार की जानकारी एसटीएफ अभी जुटाने में लगी है।
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28 नवंबर को पकड़े गए थे तीन आरोपी
शामली के मनीष मलिक उर्फ मोनू, रवि और धर्मेंद्र को 28 नवंबर 2021 में एसटीएफ मेरठ ने पकड़ा था। तीनों आरोपियों ने लोनी, गाजियाबाद बस अड्डे के पास होटल में विकास से पांच लाख रुपये में लीक हुआ पेपर खरीदा था।
सात लाख रुपये में पेपर की डील हुई थी। इसमें दो लाख रुपये पेपर के बाद देने का वायदा हुआ था। विकास से पेपर लेने के बाद शामली का मनीष मलिक पेपर को लेकर मथुरा में शिक्षक निर्दोष चौधरी से मिले थे। उसे पेपर दिखाया, जिससे टीईटी के पेपर होने की पुष्टि की। निर्दोष से भी पेपर की फोटो कॉपी ली। पूरे प्रदेश में इस तरह से 11 गैंग बनने की बात सामने आई है।
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