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नई शिक्षा नीति 2020: अब तकनीकी कॉलेजों के छात्रों को डिग्री से पहले सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों में इंटर्नशिप

 नई शिक्षा नीति 2020: अब तकनीकी कॉलेजों के छात्रों को डिग्री से पहले सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों में इंटर्नशिप

छात्रों को डिग्री से पहले दूसरे से तीसरे वर्ष ही इन पीएसयू में स्टाइपंड संग इंटर्नशिप का मौका मिलेगा। खास बात यह है कि अब छात्रों को घर बैठे देशभर के राज्यों और शहरों में इंटर्नशिप और रोजगार की जानकारी मिल सकेगी।


देश के सभी इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट, आर्किटेक्चर, फार्मेसी कॉलेजों के छात्रों को अब सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग) में भी इंटर्नशिप का मौका मिलेगा। केंद्र सरकार ने नई शिक्षा नीति 2020 के तहत इंटर्नशिप और कैंपस प्लेसमेंट पॉलिसी में बदलाव करके पीएसयू को भी शामिल किया है। इससे पहले विद्यार्थियों के पास मल्टीनेशनल कंपनी में ही इंटर्नशिप का विकल्प होता था।
छात्रों को डिग्री से पहले दूसरे से तीसरे वर्ष ही इन पीएसयू में स्टाइपंड संग इंटर्नशिप का मौका मिलेगा। खास बात यह है कि अब छात्रों को घर बैठे देशभर के राज्यों और शहरों में इंटर्नशिप और रोजगार की जानकारी मिल सकेगी। अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने तकनीकी कॉलेजों के छात्रों को स्नातक प्रोग्राम की पढ़ाई पूरी होने से पहले बाकायदा रोजगार से जुड़ी ट्रेनिंग देने की योजना तैयार की है।

विभिन्न पीएसयू और सरकारी विभागों के साथ काम करने की तैयारी हुई है। समझौते के तहत सरकार से जुड़े विभाग व कंपनियों को सीधे जानकारी देनी होगी। इसके लिए एआईसीटीई ने पोर्टल भी तैयार किया है। सभी कॉलेजों को अपनी वेबसाइट पर इस पोर्टल का लिंक व जानकारी देनी अनिवार्य है ताकि छात्रों व शिक्षकों को भी पता लग सके। यहां पर खादी इंडिया, सिसको, माइक्रोसॉफ्ट इंडिया, सोशल जस्टिस इंपावरमेंट नशा मुक्त भारत अभियान, टयूलिप, एनसीडीसी, एयरोस्पेस,अर्बन वाटर इंफ्रास्ट्रक्चर, स्मार्ट सिटी, एनएचएआई, कॉरपोरेट आदि शामिल हैं।

तीन साल में एक करोड़ इंटरर्नशिप का लक्ष्य
एआईसीटीई के चेयरमैन प्रो. अनिल डी सहस्रबुद्धे के मुताबिक, इंटर्नशिप योजना के माध्यम से छात्रों को किताबी ज्ञान के साथ-साथ कौशल विकास में दक्ष करना है। योजना का मकसद तकनीकी कॉलेजों के छात्रों को डिग्री लेने के साथ भविष्य की जरूरतों के आधार पर तैयार करना है। किताबी ज्ञान से वे विषयों को तो समझ लेते हैं पर इंटर्नशिप में उन्हें प्रैक्टिकल नॉलेज मिलेगा। अगले तीन साल यानी 2025 तक एक करोड़ युवाओं को इंटर्नशिप से जोड़ना है। किताबी ज्ञान के साथ-साथ उनमें रोजगार से जोड़ने के लिए इंटर्नशिप के माध्यम से उन्हें प्रशिक्षित किया जाएगा।

क्षेत्र के आधार पर मिलेगा विकल्प
एआईसीटीई ने पोर्टल पर इंटर्नशिप से लेकर प्लेसमेंट की जानकारी उपलब्ध करवाई गई है। यहां 28 राज्य और आठ केंद्र  शासित प्रदेशों की नाम सहित सूची अपलोड की गई है। जैसे  यूपी, उत्तराखंड, चंडीगढ़, दिल्ली,हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, गोवा,  राजस्थान आदि। राज्य में शहरों और केंद्र शासित प्रदेश में एरिया के आधार पर इंटर्नशिप का विकल्प मिलेगा। छात्र अपनी पसंद के आधार पर जब राज्य, शहर का विकल्प चुनेगा तो उसके सामने क्षेत्र से लेकर वेतन, समय अवधि की भी जानकारी मिल जाएगी।

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