‘आंख की किरकिरी’ से यूपीटीईटी-2021 पर उठ रहे सवाल, अभ्यर्थियों ने आपत्ति जताई
प्रयागराज : उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपीटीईटी)-2021 रविवार को संपन्न तो हो गई, लेकिन अब उसमें पूछे गए प्रश्नों को लेकर उत्तर प्रदेश परीक्षा नियामक प्राधिकारी (पीएनपी) पर प्रश्न उठाए जा रहे हैं। प्राथमिक स्तर की परीक्षा में हंिदूी विषय में एक प्रश्न था- ‘आंख की किरकिरी’ होने का अर्थ है? यह प्रश्न 2017 की यूपीटीईटी में भी आया था। इसके दो उत्तर का मामला अभ्यर्थियों ने उठाया था, जिसमें हाई कोर्ट ने दोनों उत्तरों ‘अप्रिय लगना’ और ‘कष्टदायक होना’ को सही माना था। इस प्रश्न के फिर पूछे जाने से मामला कोर्ट में जा सकता है। कुछ और प्रश्नों को लेकर भी अभ्यर्थी कोर्ट गए थे। इन विवादित प्रश्नों को बाहर न करने से अभ्यर्थियों में नाराजगी है। वर्ष 2021 की यूपीटीईटी के सभी विषयों में कई प्रश्न वर्ष 2017 से दोहराए जाने का मामला रविवार से ही चर्चा में हैं। इसमें तीन वह प्रश्न भी हैं, जिनके दो उत्तर होने का मामला कोर्ट पहुंचा था।
अभ्यर्थियों ने आपत्ति जताई
पीएनपी सचिव अनिल भूषण चतुर्वेदी ने बताया कि 2017 में 14 प्रश्नों के उत्तर पर अभ्यर्थियों ने आपत्ति जताई थी। सिंगल बेंच के फैसले के खिलाफ सरकार डबल बेंच में गई थी, जहां 11 प्रश्नों में पीएनपी के उत्तर को सही माना गया। सिर्फ तीन प्रश्नों में दो उत्तर सही होने पर अभ्यर्थियों को अंक दिए गए थे। उन्होंने कहा कि प्रतियोगी परीक्षाओं की पुरानी परंपरा है। पाठ्यक्रम से सवाल पूछे गए हैं। प्रश्न रिपीट हैं तो सही उत्तर देकर अभ्यर्थी अंक प्राप्त कर सकते हैं। कुछ लोग चुनाव के समय में तूल देने में लगे हैं।
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