पहले कोराना ने चौपट कर दी पढ़ाई अब शिक्षकों की कमी से कोर्स अधूरा
पहले कोराना ने चौपट कर दी पढ़ाई अब शिक्षकों की कमी से कोर्स अधूरा
जिले के राजकीय विद्यालयों में दो सौ शिक्षकों की कमी, आधी-अधूरी तैयारियों के बीच परीक्षा देंगे विद्यार्थी
प्रतापगढ़। कोरोना की दूसरी लहर में छह माह तक राजकीय विद्यालयों के बच्चों की पढ़ाई चौपट हो गई, अब शिक्षकों की कमी से उनका कोर्स पिछड़ रहा है। बोर्ड परीक्षा में अब काफी कम समय बचा है, लेकिन बच्चों का कोर्स पूरा नहीं हुआ है। शिक्षकों की कमी से कई विषयों की कक्षाए नहीं संचालित हो पा रही हैं। मजबूरी में बच्चों को कोचिंग का सहारा लेना पड़ रहा है। ऐसे में आधी-अधूरी तैयारियों के बीच ही बच्चे परीक्षा देंगे।
जिले में कुल 41 राजकीय विद्यालय
संचालित हो रहे हैं। इनमें 17 इंटर कॉलेज व 24 हाईस्कूल हैं। कोरोना की दूसरी लहर के दौरान विद्यालयों में पठन-पाठन बंद कर दिया गया ऑनलाइन माध्यम से बच्चों को पढ़ाई कराई गई।
हालांकि यह व्यवस्था उन बच्चों के ही काम आई, जिनके पास स्मार्टफोन थे।
अधिकांश बच्चों की पढ़ाई कोरोना काल में प्रभावित रही।
कोरोना का कहर कम होने के बाद विद्यालयों में पठन-पाठन शुरू हुआ तो बच्चों के चेहरे खिल उठे। अभिभावक भी बच्चों की पढ़ाई को लेकर काफी उत्साहित दिखे, लेकिन कोरोना के बाद स्कूलों में शिक्षकों की कमी बच्चों के लिए मुसीबत बन गई है। परीक्षा नजदीक होने के बावजूद अभी तक विद्यालयों में पाठ्यक्रम पूरा नहीं कराया जा सका है। शिक्षा विभाग के आंकड़ों के अनुसार राजकीय विद्यालयों में एलटी व प्रवक्ता मिलाकर 200 शिक्षकों की कमी है।
अंग्रेजी विषय के 35, विज्ञान के 38, गणित के 40, हिंदी के 35 शिक्षक नहीं हैं। इसके अलावा गृह विज्ञान, कला, जीव विज्ञान के शिक्षकों की भी कमी है। इससे बच्चों की तैयारी प्रभावित हो रही है। सबसे ज्यादा परेशानी बोर्ड परीक्षा की तैयारियों में जुटे बच्चों को हो रही है। वह कोर्स पिछड़ने से परेशान हैं। मजबूरी में अभिभावक अपने बच्चों को कोचिंग भेज रहे हैं। इससे अभिभावकों की जेब ढीली हो रही है। डीआईओएस डॉ. सर्वदानंद का कहना है कि राजकीय विद्यालयों में शिक्षकों की कमी दूर करने के लिए शासन को पत्र लिखा गया है।
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