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Primary ka master: बीएलओ की ड्यूटी कर रहे हैं तो सावधान हो जाइएगा, साइबर शातिर आपको किसी भी सरकारी आफिस का कर्मचारी बनकर कॉल कर सकते हैं, पुलिस ने किया आगाह, इन बातों का रखें ध्यान रहे सतर्क


अगर आप बीएलओ की ड्यूटी कर रहे हैं तो सावधान हो जाइएगा। साइबर शातिर आपको किसी भी सरकारी आफिस का कर्मचारी बनकर कॉल कर सकते हैं। साथ ड्यूटी करने वाले अन्य बीएलओ को नाम लेकर वे जाल में फंसाकर आपके खाते की डिटेल मांग सकते हैं।कई बीएलओ को साईबर शातिर अपने जाल में फंसा चुके हैं। कुछ के खाते से रकम भी पार कर ली है। कई बीएलओ ने पुलिस से शिकायत की है। पुलिस साइबर सेल ने भी लोगों को सचेत रहने की सलाह दी हैं।



सदर क्षेत्र के राजपुर चुंगी निवासी एक शिक्षका बीएलओ ड्यूटी कर रही हैं। सोमवार शाम साढ़े पांच बजे उनके मोबाइल पर एक अंजान नंबर से काॅल आई। काॅल करने वाले ने खुद को सीडीओ आफिस का कर्मचारी बताते हुए उनकाे नाम से संबोधित किया। कई साथी शिक्षिकाओं के नाम भी शातिर ने उन्हें बताए। इसके बाद उनसे कहा कि अपने खाते की डिटेल और एटीएम कार्ड का फोटो वाट्सएप पर शेयर कर दें। उनको बीएलओ ड्यूटी करने का सरकारी भुगतान भेजा जाना है। शिक्षिका उसकी बातों में फंस गईं। बेटे के मोबाइल से एटीएम कार्ड का फोटो और खाता नंबर शेयर कर दिया। इसी बीच उनके मोबाइल नंबर पर तीन ओटीपी भी पहुंचे हैं। उन्होंने अपने पति को जानकारी दी। शक होने पर पति ने बैंक के कस्टमर केयर नंबर पर काॅल करके एटीएम कार्ड को ब्लाक करा दिया। उन्होंने पुलिस से मामले की शिकायत की हैं।

खंदौली निवासी एक शिक्षक के पास भी इस तरह की काॅल आई। उन्होंने काल करने वाले को खाते का नंबर बता दिया। मगर, एटीएम कार्ड का फोटो मांगने पर वे साइबर शातिरों की मंशा समझ गए। इसलिए एटीएम कार्ड का फोटो शेयर नहीं किया है।

ताजगंज की शिक्षिका को भी शातिरों ने जाल में फंसा लिया। उनको काॅल करके शातिरों ने खाते की डिटेल्स हासिल कर ली। इसके बाद उनके खाते से पांच हजार पार कर लिए। जानकारी होते ही शिक्षिका ने बैंक से संपर्क कर स्टाप पेमेंट्स करा दिया है। साइबर सेल को भी इस तरह की शिकायतें मिलने लगी हैं। इसको देखते हुए साइबर सेल ने सलाह दी है। एसएसपी सुधीर कुमार सिंह ने बताया कि किसी भी अंजान नंबर पर भरोसा करके बैंक खाते की डिटेल शेयर न करें।

इलेक्शन कमीशन की साइट से नंबर लिए जाने की आशंका

ठगी का शिकार हुए लोगों को आशंका है कि उनके मोबाइल्स नंबर शातिरों ने इलेक्शन कमीशन की वेब साइट से लिए होंगे। वेब साइट पर उनके मोबाइल नंबर, नाम और विद्यालय की सूची उपलब्ध है। इनको कोई भी आसानी से देख सकता है।

ये हैं साइबर सेल की सलाह

- किसी अंजान नंबर पर भरोसा न करें।

- अगर आपको कोई लिंक भेजता है तो उस पर क्लिक न करें।

- खाते की डिटेल और एटीएम कार्ड का फोटो और ओटीपी किसी अंजान को वाट्सएप पर शेयर न करें।

- किसी अंजान व्यक्ति के कहने पर किसी नंबर पर अपने बैंक में रजिस्टर्ड नंबर से एसएमएस न करें।

इस नंबर पर दे सकते हैं सूचना

अगर आपसे किसी तरह की साइबर ठगी हुई है या ठगी की कोशिश की गई तो आप साइबर क्राइम टोल फ्री नंबर 155260 पर काॅल कर सकते हैं।

यहां कर सकते हैं आनलाइन शिकायत

www.cybercrime.gov.in

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