नए सत्र से चार साल के बीए-बीएड और बीएससी-बीएड, 2030 के बाद शिक्षकों की भर्ती के लिए जरूरी होगा यह कोर्स
नई दिल्ली: स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाने और उसे नई ऊंचाई देने की मुहिम में सारा दारोमदार शिक्षकों पर ही है। यही वजह है कि सरकार ने इस दिशा में अब बड़ा कदम उठाया है। इसके तहत देश में अब ऐसे समर्पित शिक्षक तैयार किए जाएंगे, जिनका रुझान शुरू से बच्चों को पढ़ाने की ओर होगा।
फिलहाल इसे लेकर नए शैक्षणिक सत्र से चार वर्षीय इंटीग्रेटेड बीएड कोर्स की शुरुआत होने जा रही है। यह कोर्स अभी देश के करीब 50 संस्थानों से शुरू होगा। खास बात यह है कि चार वर्षीय यह कोर्स सभी स्ट्रीम में शुरू होगा। इसमें बीए-बीएड, बीएससी-बीएड और बीकाम-बीएड जैसे कोर्स शामिल हैं। इस कोर्स में दाखिला 12वीं के बाद होगा। अभी इस कोर्स को देश के कुछ चुनिंदा संस्थानों से शुरू किया जाएगा। हालांकि, वर्ष 2030 के बाद स्कूलों में बतौर शिक्षक सिर्फ उन्हीं लोगों की नियुक्ति होगी, जो यह कोर्स करके आएंगे। यानी तब तक मौजूदा समय में शिक्षकों को तैयार करने के लिए प्रचलित दो वर्षीय बीएड सहित दूसरे कोर्स बंद हो जाएंगे।
राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने अभी इसको लेकर कोई एलान नहीं किया है। लेकिन जिस तरह से तैयारी है, उसे देखते हुए यह साफ है कि शिक्षक शिक्षा के क्षेत्र में अब सिर्फ चार वर्षीय इंटीग्रेटेड बीएड कोर्स को ही आगे बढ़ाया जाएगा। शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक, इस पहल से विशेषज्ञ शिक्षकों की कमी खत्म होगी। वैसे भी स्कूलों में मौजूदा समय में विशेषज्ञ शिक्षकों की, खासकर विज्ञान और गणित जैसे विषयों के शिक्षकों की भारी कमी है। गौरतलब है कि एनसीटीई ने पिछले साल अक्टूबर में ही चार वर्षीय इंटीग्रेटेड टीचर एजुकेशन प्रोग्राम (आइटीईपी) से जुड़ी अधिसूचना जारी कर दी है। इसके तहत शिक्षक बनने का सपना देख रहे छात्रों की पढ़ाई अब न सिर्फ चार साल में पूरी होगी, बल्कि उन्हें दोहरी डिग्री भी मिलेगी।
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