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दो विभागों के बीच फुटबाल बने बेसिक के शिक्षक, भुगतान को भटके

 दो विभागों के बीच फुटबाल बने बेसिक के शिक्षक, भुगतान को भटके

कासगंज,  : अफसरों और कर्मचारियों की मनमानी की बानगी देखनी है तो कोषागार कार्यालय में देखिए। बेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षकों के बोनस भुगतान में मनमानी सामने आई है। 50 फीसद शिक्षकों को भुगतान दे दिया और 50 फीसद शिक्षकों को नित नए नियमों का हवाला दिया जा रहा है। बार-बार आपत्ति लगाकर पत्रावली शिक्षा विभाग को भेज दी जा रही है।



बेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षकों को लगभग छह हजार रुपये का बोनस भुगतान दिया जाना है। इसके लिए बेसिक शिक्षा विभाग ने बिल बनाकर कोषागार भेजे। नियम है कि पुरानी पेंशन स्कीम से लाभांवित शिक्षकों को बोनस का भुगतान 20 फीसद नगद और 80 फीसद जीपीएफ बैंक खाते में भेजा जाता है। न्यू पेंशन स्कीम वाले शिक्षकों को नगद भुगतान अब तक दिया जाता रहा है, लेकिन इस बार शिक्षक नियमों में उलझ गए हैं। बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा कोषागार में पत्रावली भेजी गई। वहां से आपत्ति लगा दी गई। लोक भविष्य निधि खाता या बचत पालिसी का प्रमाण मांगा गया। यहां सवाल इस बात का है कि लगभग 50 फीसद शिक्षकों को तो पुराने नियमों के आधार पर भुगतान कर दिया गया, जबकि अन्य शिक्षकों को नए नियमों का हवाला देकर भटकाया जा रहा है।

बोनस के बिल बनाकर कोषागार भेजे गए। वहां से आपत्ति लगकर वे वापस आ गए हैं। आपत्तियों का निस्तारण कर रहे हैं, लेकिन कुछ तकनीकी समस्या भी सामने आ रही है। बिल तैयार है।

- सुरेश यादव, लेखाधिकारी बेसिक शिक्षा पूर्व में भुगतान कैसे होते रहे। इससे कोई लेना-देना नहीं, लेकिन सभी औपचारिकता पूरी होने पर ही बिल पास किया जाएगा।

- अनिल कुमार, कोषाधिकारी

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