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कानपुर मेयर ने ईवीएम में वोट देते हुए अपनी तस्वीर की सार्वजनिक, एफआईआर दर्ज, जानें क्या कहता है कानून और क्या है सजा


उत्तर प्रदेश की 59 विधानसभा सीटों पर मतदान जारी है। मतदान केंद्रों के बाहर लंबी लाइनों में वोटर्स खड़े होकर अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं। इसी बीच कानपुर की मेयर प्रमिला पांडेय पर डीएम के आदेश पर नियमों की अनदेखी करने को लेकर एफआईआर दर्ज हो गई है। दरअसल, उन्होंने ईवीएम में वोट देते हुए अपनी तस्वीर सार्वजनिक कर दी। मेयर ने कानपुर शहर की हडसन पोलिंग बूथ पर मतदान किया था। मतदान करते हुए ईवीएम की फोटो खींचना सख्त मना है। आइए जानते हैं कि इसे लेकर नियम क्या कहते हैं।



क्या है नियम
नियम के अनुसार आप वोटिंग के बाद यह किसी को नहीं बता सकते कि आपने किसे वोट दिया है। वोट डालने के बाद मत की गोपनीयता को बनाए रखना जरूरीी होता है। यदि कोई व्यक्ति गोपनीयता भंग करता है तो वह लोक प्रतिनिधित्व 1951 की धारा 128 के अंतर्गत अपराध की श्रेणी में आएगा। सिर्फ मतदान करने वाले ही नहीं यदि वोटिंग कार्य में लगे किसी कर्मचारी या अधिकारी की तरफ से पूछा गया या फिर जानने की कोशिश की गई कि आपने अपना वोट किसे दिया है तो यह अपराध की श्रेणी में आएगा।

कितनी सजा का है प्रावधान
मुख्य निर्वाचन अधिकारी के निर्देशानुसार, निर्वाचन संचालन नियम 1961 के नियम 49 एम व लोक प्रतिनिधित्व 1951 की धारा 128 के तहत मतदान करने वाले व्यक्ति के मतदान की गोपनीयता को बनाए रखना जरूरी है। नियम के उल्लंघन पर तीन महीने का कारावास और अर्थदंड का प्रावधान है। चुनाव आयोग के तरफ से अधिकृत व्यक्तियों को छोड़कर किसी भी तरह की वीडियो रिकॉर्डिंग, फोटोग्राफी कैमरा या मोबाइल फोन ले जाने की अनुमति नहीं है।

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