बीएसए ने ड्रॉपआउट बच्चों के प्रशिक्षण के लिए भेजी पुस्तक प्रकरण में जांच बैठाई
धामपुर। ड्रॉपआउट बच्चों के प्रशिक्षण में खेल की तैयारी शीर्षक पर 21 फरवरी को अमर उजाला में प्रमुखता के साथ प्रकाशित हुई खबर से बेसिक शिक्षा विभाग में हड़कंप मचा है। बीएसए जयकरन सिंह यादव ने मामले में जांच बैठा दी है। बीएसए का कहना है कि जांच में आरोप सही पाए जाते हैं तो कार्रवाई होगी।
बेसिक शिक्षा अधिकारी जयकरन सिंह यादव ने पुस्तकों एवं अन्य सामग्री की खरीदारी पर फर्जीवाड़े की आशंका के चलते जांच के लिए कमेटी गठित कर दी है। जिससे विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। गौरतलब है कि बेसिक शिक्षा विभाग के कुछ अधिकारियों ने ड्रॉपआउट स्कूली बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने के नाम पर लाखों की खरीदारी कर डाली है। पुस्तकों एवं अन्य सामग्री की खरीदारी की शिक्षकों को भनक तक नहीं लगने दी। जबकि पुस्तकों को नियमानुसार विद्यालय प्रबंधन समिति (एसएमसी) को क्रय करना था। सरकार की ओर से इसके लिए प्रति छात्र 860 रुपये विद्यालय प्रबंधन समितियों के खातों में भेजे गए हैं।
शिक्षकों को पता तब लगा जब विभाग की ओर से सप्लायर ने सामग्री को ब्लाक संसाधन केंद्रों पर भिजवाया। प्राथमिक शिक्षक संघ के धर्मेंद्र कुमार सिंह, शिक्षक वेलफेयर ऐसोसिएशन के अध्यक्ष जितेंद्र कुमार का कहना है कि अब विभाग इन पुस्तकों को स्कूलों में ड्रॉपआउट बच्चों को भेजने की तैयारी कर रहा है। वे ऐसा नहीं होने देंगे। जिले में करीब ढाई हजार परिषदीय स्कूल है। जिनमें 500 स्कूलों के करीब तीन हजार छात्र-छात्राओं को विभाग द्वारा मार्च से प्रशिक्षण दिया जाना है।
पुस्तकें निशुल्क हैं तो फिर बिल का औचित्य नहीं : बीएसए
बीएसए जयकरन सिंह ने कहा कि राज्य परियोजना के आदेश पर पुस्तकें फ्री में दी जा रही हैं तो पुस्तकों के साथ सप्लायर द्वारा भुगतान के लिए शिक्षकों के बिल का औचित्य नहीं है। मामले की जांच होगी और जिस किसी ने ऐसा किया है तो उनके खिलाफ कार्रवाई भी होगी।
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