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शिक्षकों के हित में काम करने वाले जनप्रतिनिधि को ही चुनेंगे

 शिक्षकों के हित में काम करने वाले जनप्रतिनिधि को ही चुनेंगे


शिक्षकों ने ली शत-प्रतिशत मतदान की शपथ, शिव प्रताप इंटर कॉलेज परिसर में आयोजित वोटर अड्डा कार्यक्रम में बड़ी संख्या में जुटे लोग 
अमेठी। विधानसभा चुनाव में अपना नुमाइंदा व सरकार चुनने के लिए शिक्षा व्यवस्था की रीढ़ शिक्षक बेहद गंभीर हैं। शिक्षकों ने शत-प्रतिशत मतदान करने की शपथ लेते हुए शिक्षा एवं शिक्षकों के हित में कार्य करने वाले जनप्रतिनिधि को चुनने की बात कही।

शहर स्थित श्रीशिव प्रताप इंटर कॉलेज परिसर में सोमवार को अमर उजाला' की ओर से वोटर अड्डा कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में शामिल शिक्षकों ने शत-प्रतिशत मतदान की शपथ लेते ही दूसरों को भी जागरूक करने का संकल्प लिया। कार्यक्रम में शिक्षकों ने कहा कि जब तक प्रत्येक मतदाता स्वस्थ मन से मजबूत लोकतंत्र के लिए मतदान नहीं करेगा तब तक देश, प्रदेश व क्षेत्र का विकास नहीं होगा। ऐसे में जरूरी है कि मतदाता जाति, धर्म, वर्ग, समुदाय से परे हो स्वच्छ छवि के पढ़े लिखे प्रत्याशी के पक्ष में हो मतदान करे जिस दिन ऐसा हुआ उस दिन स्वच्छ छवि को सरकार विकास को ही प्राथमिकता देगी। इसके साथ ही शिक्षकों में शिक्षा क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन करने लचर शिक्षा व्यवस्था को सुधारने 80 प्रतिशत वित्तविहीन शिक्षकों के भरोसे चल रही शिक्षा व्यवस्था में योगदान देने वाले शिक्षकों को सम्मान के साथ उनका मानदेय बढ़ाए जाने का मुद्दा उठाया। शिक्षकों ने शिक्षा एवं शिक्षक के हित में कार्य करने वाले जनप्रतिनिधि एवं सरकार को चुनने की बात कही। 
सुधार की जरूरत
शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन होना चाहिए। योजनाओं को परना चाहिए। लचर शिक्षा व्यवस्था को सुधारने को आवश्यकता है। जनप्रतिनिधि और सरकार को शिक्षा के क्षेत्र में विशेष का करना होगा। शिक्षा के माध्यम से राष्ट्र उन्नति के शिखर पर पहुंच सकता है। - नवल किशोर सिंह, प्रधानाचार्य 
पुरानी पेंशन मिले
शिक्षा की शिक्षक है। शिक्षकों के उनको लेकर जनप्रतिनिधि एवं सरकार को कार्य करना चाहिए। प्राथमिक से लेकर उच्च शिक्षाको बनाने की दिशा में कार्य करना चाहिए। पुरानी पेंशन बहाली और शिक्षकों के लिए आवास की व्यवस्था होनी चाहिए।
- दिग्विजय सिंह, शिक्षक 
निर्धारित हो मानदेय
50 फीसदी शिक्षा व्यवस्था वित्ती शिक्षकों के भरोसे चल रही है। वित्तविहीन मान्यता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों एवं कर्मचारियों का मानदेय वेतन निर्धारित होना चाहिए। जनप्रतिनिधि व सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए।
शिव पूजन मिश्र, जिला महामंत्री वित्तविहीन शिक्षक
उठाए शिक्षकों की समस्या
स्थानीय समस्याओं के प्रति गंभीर होने के साथ ही शिक्षा के क्षेत्र में कार्य करने बाला शिक्षित जनप्रतिनिधि होना चाहिए। जो विधानसभा क्षेत्र में शिक्षा व्यवस्था को सशक्त बनाए। इसके साथ ही शिक्षकों की समस्याओं के प्रति गंभीर और उनको आवाज उठाए दिव्या यादव, शिक्षिका
मिले अलग व्यवस्था
शिक्षकों के लिए परिवहन व्यवस्था निशुल्क कई जानी चाहिए। इसके साथ ही महिला शिक्षकों के लिए सभी विद्यालयों में अलग से सुविधाएं होनी चाहिए जिससे शिक्षक महिलाओं को सुविधा मिल सके। खुशबू सिंह, शिक्षिका

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