इलेक्शन में बूथ बढ़ गए, शिक्षक-कर्मचारी हैं कम
इलेक्शन में बूथ बढ़ गए, शिक्षक-कर्मचारी हैं कम
सिद्धार्थनगर विधानसभा चुनाव में ड्यूटी को कटवाना, कर्मचारियों के लिए बहुत मुश्किल भरा काम होगा। पिछले चुनाव की अपेक्षा बूथ की संख्या बढ़ गई है, जबकि मतदान ड्यूटी करने वाले कर्मचारियों की संख्या कम हुई है। इस बार शिक्षामित्रों और अनुदेशकों को प्रशिक्षण के बाद रिजर्व में रखने का नियम है। समीपवर्ती जिलों से मतदान होने के कारण वहां के कर्मचारियों की मदद नहीं मिलेगी। यहीं कारण है कि बीमारी के आधार पर ड्यूटी काटने के लिए मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट को अनिवार्य कर दिया गया है।
जिले की पांच विधानसभा क्षेत्रों में 2548 बूथ बनाए गए हैं, जिनमें 210 नए हैं। जिले में पीठासीन अधिकारी और मतदान अधिकारी प्रथम के लिए 6623 कर्मचारियों को प्रशिक्षण के लिए सूचना दी गई है। इतने ही कर्मचारी मतदान अधिकारी द्वितीय व तृतीय के लिए प्रशिक्षण लेंगे। चुनाव आयोग के निर्देश पर शिक्षामित्रों और अनुदेशकों की ड्यूटी तभी लगाई जाएगी, जब विभागीय कर्मचारी उपलब्ध न हों। कर्मचारियों की कमी के कारण प्रशासन ने सक्षम दिव्यांग और कुछ मामले में पति और पत्नी दोनों की ड्यूटी लगाने का निर्णय लिया है। जिला निर्वाचन कार्यालय में ड्यूटी काटने की सिफारिश खूब की जा रही हैं। तीन मार्च को छठें चरण के अंतर्गत जिले के साथ बलरामपुर, बस्ती, देवरिया, गोरखपुर, कुशीनगर, महराजगंज व संतकबीरनगर में मतदान होना है। इस कारण पड़ोसी जिलों से कर्मचारियों का सहयोग लेना संभव नहीं है
मेडिकल परीक्षण कराने पहुंचे आठ कर्मचारी जो अधिकारों कर्मचारी गंभीर रूप से बीमार हैं, मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट पर उनकी ड्यूटी काटी जा रही है। संयुक्त जिला चिकित्सालय में मंगलवार को आठ लोग मेडिकल बोर्ड में उपस्थित हुए। हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. विमल द्विवेदी ने तीन लोगों को चुनाव ड्यूटी में अनफिट होने की रिपोर्ट लगा दी, जबकि, फिजिशियन डॉ. संजय कुमार ने पांच लोगों के स्वास्थ्य परीक्षण के लिए जांच लिख दी है
100 से अधिक बीएलओ की भी लग गई ड्यूटी
मतदान के दिन बीएलओ को अपने बूथ पर ड्यूटी करना अनिवार्य है। खंड शिक्षा अधिकारियों का कहना है कि उन्होंने जिला निर्वाचन कार्यालय में कर्मचारियों की सूची भेजी तो फार्म में बीएलओ, दिव्यांग, बीमार और पति-पत्नी के कर्मचारी होने का जिक्र किया है। नियम के अनुसार पति पत्नी कर्मचारी हैं तो किसी एक की ड्यूटी लगाई जानी चाहिए। बताया जा रहा है कि 100 से अधिक बीएलओ की भी चुनाव में ड्यूटी लगा दी गई है। बीएसए देवेंद्र कुमार पांडेय ने बताया कि जिन बीएलओ की मतदान में ड्यूटी लगाई गई है, सूची से उनके नाम को काटने की प्रक्रिया जारी है।
जिन बीएलओ की ड्यूटी लगी है, उनके नाम को सूची से हटा दिया जाएगा। जो दिव्यांग ड्यूटी करने में सक्षम हैं, उनकी ड्यूटी लगाई जा सकती है। पति-पत्नी कर्मचारी हैं और कोई बड़ी समस्या नहीं हैं तो दोनों से ड्यूटी कराई जा सकती है। गर्भवती महिलाओं एवं बीमार कर्मचारियों की ड्यूटी नहीं लगाई जाएगी। पुलकित गर्ग, सीडीओ
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