शासनादेश के बाद प्रार्थना पत्र की वैधता की जांच का अधिकार नहीं
शासनादेश के बाद प्रार्थना पत्र की वैधता की जांच का अधिकार नहीं
प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक आदेश में कहा कि जब याची की मृतक आश्रित कोटे में नियुक्ति का शासनादेश जारी हो चुका है तो नगर निगम को अर्जी की वैधता की जांच करने का अधिकार नहीं है। इसी के साथ कोर्ट ने नगर आयुक्त अलीगढ़ को तीन सितंबर 2021 के शासनादेश के तहत छह सप्ताह में निर्णय लेने का निर्देश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति अजित कुमार ने कुलवंत कुमार की याचिका पर दिया है।
याचिका में शासनादेश के तहत आश्रित कोटे में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के पद पर नियुक्ति देने का समादेश जारी करने की मांग की गई थी। 15 दिसंबर 2021 को अपर नगर आयुक्त ने याची से कुछ बिंदुओं पर जानकारी मांगी जिसका दस्तावेजी सबूत के साथ 18 दिसंबर 2021 को जवाब दाखिल करने के बावजूद कोई निर्णय नहीं लिया गया तो उसने कोर्ट की शरण ली।
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