अच्छी खबर : 50 हजार विद्यार्थियों के खाते में जल्द पहुंचेगी स्कॉलरशिप
गोरखपुर। गोरखपुर जिले के करीब 50 हजार विद्यार्थियों का दशमोत्तर छात्रवृत्ति को लेकर चल रहा इंतजार जल्द समाप्त हो जाएगा। उनके खाते में जल्द ही दशमोत्तर छात्रवृत्ति पहुंच जाएगी। शिक्षण संस्थाओं से विद्यार्थियों के आवेदन का सत्यापन करने के बाद डाटा समाज कल्याण पोर्टल पर अपलोड किया जा चुका है।
50 हजार विद्यार्थियों ने किया है आवेदन
जिला समाज कल्याण विभाग के अनुसार जिले में 405 स्नातक, स्नातकोत्तर, तकनीकी शिक्षण संस्थान हैं। इनमें से करीब 50 हजार विद्यार्थियों ने छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति के लिए आवेदन किया है। जांच में बहुत से विद्यार्थियों के आवेदन में अंकपत्र, बैंक खाता, आधार आदि से जुड़ी गलतियां मिली थीं। 21 फरवरी तक उन्हें गलतियां दूर करने का मौका दिया गया था। गलतियां सुधार के बाद आवेदनों का सत्यापन कर 28 फरवरी को विद्यार्थियों का डाटा समाज कल्याण विभाग के पोर्टल पर अपलोड कर दिया गया। विधानसभा चुनाव के लिए कर्मचारियों की ड्यूटी लगे होने के कारण इस प्रक्रिया में प्रगति नहीं हो पा रही थी। कर्मचारी मतदान कराने के बाद वापस आ गए हैं और अब इस काम में तेजी आएगी। जिला समाज कल्याण अधिकारी वशिष्ठ नारायण सिंह ने बताया कि दशमोत्तर छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति छात्रों के खाते में भेजने की प्रक्रिया जल्द शुरू कर दी जाएगी।
एमएमएमयूटी के पूर्व छात्र वारीश का कैंब्रिज विश्वविद्यालय में दाखिला
मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (एमएमएमयूटी) के पूर्व छात्र वारीश प्रताप को प्रतिष्ठित कैंब्रिज विश्वविद्यालय में एमफिल एनर्जी स्टडीज पाठ्यक्रम में दाखिला मिला है। वारीश एमएमएमयूटी के मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के 2016 बैच के छात्र रहे हैं।
वर्ष 2016 में एमएमएमयूटी से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक करने के बाद वारीश ने भारत पेट्रोलियम कार्पोरेशन लिमिटेड में मैनेजमेंट ट्रेनी के रूप में करियर शुरू किया था। वर्ष 2021 में वारीश ने बीपीसीएल में एक्जीक्यूटिव मैनेजर (रिटेल बिजनेस) के रूप कार्य करते हुए अपनी कंपनी सुस्लैब्स फाउंडेशन इंडिया की स्थापना की। फिलहाल वे सुस्लैब्स फाउंडेशन इंडिया के संस्थापक निदेशक के रूप में कार्यरत हैं। वारीश ने बीटेक के दौरान राष्ट्रीय स्तर की ऑल टेरेन व्हीकल (हर तरह की सतह पर चलने में सक्षम कार) मेकिंग प्रतियोगिता ‘एस ए ई बहा’ में एमएमएमयूटी की टीम का नेतृत्व किया था। बीटेक के दौरान ही वारीश को नेशनल एकेडमी आफ साइंसेज की छात्र फेलोशिप और ऋषि शुक्ला मेमोरियल स्कालरशिप भी मिली थी। वारीश, फर्रुखाबाद के मूल निवासी शिव कुमार चतुर्वेदी एवं मंजू चतुर्वेदी के पुत्र हैं। उनकी उपलब्धि पर मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग सहित अन्य विभाग के शिक्षकों ने हर्ष व्यक्त किया है।
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