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ऑनलाइन मतदान करने पर विचार:- केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री किरेन रिजिजू ने सदन में कहा, एक देश-एक मतदाता सूची पर चल रहा मंथन

केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री किरेन रिजिजू ने शुक्रवार को कहा कि सरकार देश में फर्जी मतदान रोकने के लिए सरकार ‘एक देश, एक मतदाता सूची’ की अवधारणा पर विचार कर रही है। ऑनलाइन मतदान प्रणाली पर भी विचार चल रहा है। रिजिजू ने लोकसभा में प्रश्नकाल में सदस्यों के पूरक प्रश्नों का उत्तर देते हुए यह बात कही।


भाजपा के अजय निषाद के पूरक प्रश्न के उत्तर में कानून मंत्री ने कहा कि पूरे देश में फर्जी मतदान रोकने के लिए सभी राज्यों एवं केंद्रशासित राज्यों के लिए केवल एक ही मतदाता सूची लाने का विचार है। उन्होंने कहा कि हमने निर्वाचन आयोग से इस संबंध में बात की है। पिछले दिनों मतदाता सूची को आधार के साथ लिंक करने का प्रावधान रखा गया है। यह अभी अनिवार्य नहीं, स्वैच्छिक है। लेकिन, इससे फर्जी मतदान रुकने की संभावना है। आगे भी चुनाव सुधार के लिए जरूरी कदम उठाएंगे। एक देश, एक मतदाता सूची हो, ऐसी सरकार की सोच है। देश में साफ-सुथरी मतदान प्रणाली होनी चाहिए। प्रवासी भारतीयों को मताधिकार देने के एक पूरक प्रश्न के जवाब में मंत्री ने कहा कि यह सकारात्मक सुझाव है। उन्होंने कहा कि हमने निर्वाचन आयोग से इस संबंध में बात की है। ऑनलाइन मतदान प्रणाली को कैसे प्रोत्साहित किया जा सकता है, इस पर विचार कर रहे हैं। लेकिन, किसी भी घोषणा से पहले उसकी पारदर्शिता, सुरक्षा और उससे किसी तरह की गड़बड़ी की आशंका को ध्यान में रखना होगा।

मतदान प्रतिशत बढ़ाने पर चर्चा हो:मनीष तिवारी

कांग्रेस के मनीष तिवारी ने देश में कम मतदान होने पर चिंता जताते हुए मतदान प्रतिशत बढ़ाने के विषय पर सदन में विशेष चर्चा कराने का सुझाव देते हुए मंत्री से पूछा था कि ईवीएम बनने के बाद उसका सोर्स कोड निर्वाचन आयोग के पास रहता है या ईवीएम मशीन निर्माता कंपनी के पास।

इतना बड़ा तंत्र कहीं नहीं देखा : बिरला

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा मैं विश्व के कई देशों में गया हूं। मैं कह सकता हूं दुनिया में सबसे बड़ा लोकतंत्र भारत है, जहां निर्वाचन आयोग अनेक चुनाव के अंतर्गत करोड़ों लोगों के मतदान की व्यवस्था करता है। इसके लिए लोकतंत्र को बधाई दी जानी चाहिए। इतना बड़ा तंत्र कहीं नहीं देखा।

ईवीएम पर सवाल नहीं उठना चाहिए : रिजिजू

इस पर जवाब देते हुए रिजिजू ने जवाब में केवल इतना कहा कि जिस तरह जजों की नियुक्ति सरकार करती है, लेकिन नियुक्ति के बाद वे स्वतंत्र हो जाते हैं, उसी तरह ईवीएम बनने के बाद उनका नियंत्रण निर्वाचन आयोग के पास रहता है। उन्होंने कहा कि ईवीएम पर कोई सवाल नहीं उठना चाहिए।

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