पुरानी किताबों से बच्चों को मिलेगी नई शिक्षा
सीतापुर। नए शैक्षिक सत्र 2022-23 की शुरुआत में नौनिहालों को नई किताबें नहीं मिल सकेंगी। वे पुरानी किताबों के सहारे नई शिक्षा लेते हुए नजर आएंगे। इस बार किताबों की छपाई में देरी के चलते समय से किताबें नहीं मिल सकी हैं। ऐसे में शिक्षक पुरानी किताबें जमा करवाकर अगली कक्षा के नौनिहालों को देंगे। इससे जिले में करीब साढ़े पांच लाख नौनिहाल इन किताबों के सहारे नई किताबें मिलने तक पढ़ाई करते रहेंगे।
एक अप्रैल से नया शैक्षिक सत्र शुरू हो रहा है। शिक्षा विभाग के मुताबिक जब नौनिहाल अपनी नई कक्षा में पहुंचते है तो उनको नई किताबें मिल जानी चाहिए। लेकिन इस बार ऐसा नहीं हो सकेगा। नए सत्र की किताबों की अभी छपाई नहीं हो सकी है। इसकी वजह से पहले दिन नौनिहालों को नई किताबें नहीं मिल सकेंगी। ऐसे में नौनिहालों को पुरानी किताबों के सहारे ही पढ़ाई शुरू कराई जाएगी। जब तक नई किताबें नहीं आ जाएगी तब तक नौनिहाल पुरानी किताबों के सहारे पढ़ते रहेंगे।
प्रत्येक विद्यालय के प्रधानाध्यापक नौनिहालों से पुरानी किताबें स्कूल में जमा कराएंगे। फिर उन किताबों को नौनिहालों को वितरित करके उनको कोर्स की बारीकियां सिखाएंगे। इसको लेकर बीएसए ने निर्देश जारी कर दिए हैं। शिक्षकों ने नौनिहालों को पुरानी किताबें जमा करने का निर्देश दिया है। इन किताबों से जिले में करीब साढ़े पांच लाख नौनिहाल पढ़ाई करेंगे।
करीब 25 लाख पुस्तकों की जरूरत
जिले में करीब साढ़े पांच लाख नौनिहाल परिषदीय विद्यालयों में अध्ययनरत है। इन नौनिहालों को पढ़ने के लिए करीब 25 लाख किताबों की जरूरत पड़ेगी। इन किताबों को शिक्षक जमा करवाकर वितरित करेंगे। इस दौरान तमाम विद्यार्थियों के पास किताबें फट भी चुकी है। ऐसे में वह अपनी किताबें जमा तो कर देंगे, लेकिन फटी पुरानी किताबों के सहारे बच्चे पढ़ाई करते हुए नजर आएंगे।
जुलाई के बाद किताबें मिलने की उम्मीद
पिछले सत्रों की बात की जाए तो नए सत्र की शुरुआत में नौनिहालों को किताबें नहीं मिल पाती है। अप्रैल व मई माह में पढ़ाई होगी। उसके बाद ग्रीष्म अवकाश हो जाएगा। इसलिए जब जुलाई में नौनिहाल पढ़ने आएंगे। उस दौरान ही उनको नई किताबें मिल पाएंगी। इस अवधि में किताबों की छपाई होगी। जुलाई में जिले पर किताबें आने के बाद फिर इनका वितरण शुरू होगा। इससे किताबों के लिए नौनिहालों को अभी इंतजार करना पड़ेगा।
नए सत्र की शुरुआत हो रही है। जब तक नई किताबें नहीं आ जाएंगी, तब तक शिक्षक पुरानी किताबों के सहारे पढ़ाई करवाएंगे। इसको लेकर सभी बीईओ को निर्देश दे दिए गए है।
- अजीत कुमार, बीएसए
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