बेसिक स्कूलों में पहुंचे फर्नीचर घटिया
बांदा। परिषदीय स्कूलों में बच्चों के लिए की गई फर्नीचर खरीद में बड़ा घोटाला सामने आ रहा है। घटिया फर्नीचर हाथ लगाते ही टूट रहा है। जनपद के 494 स्कूलों में 14,957 डेस्क-बेंच व अन्य फर्नीचर खरीद के लिए शासन ने सात करोड़ 11 लाख 95 हजार 320 रुपये दिए हैं।
फर्म की ओर से आपूर्ति हुए घटिया फर्नीचर से खफा शिक्षक नेताओं ने इसके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने शासन और स्थानीय अधिकारियों को ज्ञापन देकर किसी अन्य विभाग के अधिकारियों से घोटाले की जांच की मांग की है। विभाग के मुखिया और निविदा मूल्यांकन कमेटी सदस्य सचिव व जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने इस पर जांच के आदेश दिए हैं।
बुधवार को प्राथमिक शिक्षक संघ अध्यक्ष आशुतोष त्रिपाठी के नेतृत्व में वरिष्ठ उपाध्यक्ष रमाशंकर यादव, संयुक्त मंत्री जयकिशोर दीक्षित और मंत्री प्रजीत सिंह आदि ने संयुक्त हस्ताक्षर से बीएसए रामपाल सिंह को उनके कार्यालय में ज्ञापन सौंपा। प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव और स्कूल शिक्षा अभियान महानिदेशक, जिलाधिकारी व बीएसए को संबोधित ज्ञापन में कहा गया है कि उच्च प्राथमिक विद्यालयों के लिए डेस्क-बेंच खरीदने के लिए शासन ने धनराशि जारी की थी।
फर्नीचर खरीद के लिए निविदा मूल्यांकन कमेटी डीएम की अध्यक्षता में गठित हुई। मेसर्स श्याम इंडस्ट्रीज बिजुवर खुर्द, इंडस्ट्रियल स्टेट, सीतापुर ने टेंडर से आपूर्ति का ठेका लिया।
पदाधिकारियों का आरोप है कि फर्नीचर फर्म ने आपूर्ति किया है कि वो इतना घटिया है कि जरा सा खींचने में बेंच टूट रही है। यह भी आरोप लगाया कि फर्म की ओर से मनमाने ढंग से फर्नीचर स्कूलों को भेजा जा रहा है। कई स्कूलों में अब तक फर्नीचर पहुंचा ही नहीं है। शिक्षक नेताओं ने इस घोटाले की गैर विभागीय अधिकारियों से जांच कराने की मांग की है। अध्यक्ष आशुतोष ने बताया कि बेसिक शिक्षा अधिकारी ने जांच कराने का भरोसा दिलाया है।
फर्नीचर खरीद के लिए जारी की गई थी गाइड लाइन
बांदा। फर्नीचर खरीदने के लिए शासन ने बजट के साथ ही गाइड लाइन भी जारी की है। इसमें स्पष्ट रूप से कहा गया है कि खरीद की सारी गतिविधियां जैम पोर्टल के माध्यम से हों। हर जिले में फर्नीचर खरीद और भुगतान के लिए निविदा मूल्यांकन कमेटी का गठन किया गया है।
इसमें जिलाधिकारी अध्यक्ष और मुख्य विकास अधिकारी उपाध्यक्ष हैं। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी सदस्य सचिव, जिला उद्योग केंद्र महाप्रबंधक, डॉयट प्राचार्य व बेसिक शिक्षा के वित्त एवं लेखाधिकारी सदस्य नामित किए गए हैं।
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