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शिक्षक भर्ती: चरित्र प्रमाणपत्र को संभ्रांत की तलाश, आयोग की अजीब शर्त से अभ्यर्थी परेशान

प्रयागराज | प्रमुख संवाददाता
शिक्षक भर्ती
● उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग की अजीब शर्त से छात्र परेशान
● असिस्टेंट प्रोफेसर हिन्दी के लिए नौ मार्च से होना है इंटरव्यू





प्रदेश के अशासकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती के साक्षात्कार में शामिल होने की अजीब शर्त ने अभ्यर्थियों को परेशान कर रखा है। उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग ने 47 विषयों में असिस्टेंट प्रोफेसर के कुल 2003 पदों के लिए नौ मार्च से शुरू हो रहे साक्षात्कार के लिए चयनित अभ्यर्थियों को दो संभ्रांत व्यक्तियों की ओर से जारी चरित्र प्रमाणपत्र लेकर पहुंचने के निर्देश दिए हैं।

अभ्यर्थी इस बात को लेकर परेशान हैं कि यहां संभ्रांत व्यक्ति से क्या तात्पर्य है। आमतौर पर राजपत्रित अधिकारी की ओर से जारी चरित्र प्रमाणपत्र को मान्य किया जाता है। लेकिन संभ्रांत शब्द के मायने बहुत व्यापक हैं।

अभ्यर्थियों को लग रहा है कि कहीं साक्षात्कार के समय कोई आपत्ति न हो जाए। आयोग की सचिव वंदना त्रिपाठी का कहना है कि यह नियम पहले से चला आ रहा है।


हिन्दी का प्रवेश पत्र जारी विकल्प भी मांगा

प्रयागराज। आयोग ने नौ से 16 मार्च तक प्रस्तावित हिन्दी विषय के साक्षात्कार के लिए चयनित अभ्यर्थियों के प्रवेश पत्र जारी कर दिए हैं। पहली बार अभ्यर्थियों से वरीयता क्रम में कॉलेज का विकल्प भी ऑनलाइन लिया जा रहा है। पूर्व की भर्तियों में ऑफलाइन विकल्प लेने के कारण काफी परेशानी होती थी। जिसके मद्देनजर इस बार ऑनलाइन विकल्प लिया जा रहा है। हिन्दी विषय में 186 अभ्यर्थी के लिए चयनित हुए हैं। अन्य विषयों का प्रवेश पत्र भी इसी सप्ताह जारी होने की उम्मीद है।

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