बेसिक शिक्षा विभाग और भारत सरकार नीति आयोग की सहयोगी संस्था पिरामल फाउंडेशन की ओर से जिले के 2261 परिषदीय विद्यालयों में बाल संसद का गठन किया गया है। इसका उद्देश्य सभी परिषदीय विद्यालयों में अध्ययनरत छात्र-छात्राएं प्रजा तंत्र के मूल्यों पर समझ विकसित करते हुए उसका हिस्सा बन चुनावी प्रक्रियाओं का अनुभव करने और साथ ही बाल संसद के माध्यम से अभिभावकों समेत अन्य को स्कूल में आमंत्रित कर जागरूक करने का है।
बीएसए देवेंद्र कुमार पांडेय ने बताया कि बाल संसद विद्यार्थियों के मानसिक और भावनात्मक विकास में मदद करता है। उनके अंदर प्रजातांत्रिक मूल्यों का सम्मान, नेतृत्व के गुण, निर्णय लेने की क्षमता तथा अपने कर्तव्यों के प्रति झुकाव की तरफ प्रेरित करता है। बताया कि पिरामल फाउंडेशन की टीम समेत खंड शिक्षा अधिकारी, एसआरजी और एआरपी की ओर से विद्यालयों और समुदाय में भ्रमण कर सहयोग प्रदान किया गया, जहां कई विद्यालयों में पदाधिकारियों ने इस प्रक्रिया को और रोचक बनाने के लिए निर्वाचन अधिकारी की भी भूमिका निभाई। नवनिर्वाचित पदाधिकारियों को शपथ ग्रहण कार्यक्रम कराया गया। पूरे जिले में सामुदायिक समुदाय से लगभग 15 हज़ार लोगों ने प्रतिभाग किया। बीएसए ने बताया कि कोविड-19 महामारी की वजह से परिषदीय विद्यालयों के माहौल पर काफी असर पड़ा। इसे देखत हुए पिरामल फाउंडेशन के सहयोग से यह महत्वपूर्ण कार्यक्रम जनपद स्तर पर संपन हुआ। बाल संसद गठन की प्रक्रियाओं के माध्यम से विद्यार्थियों के भीतर उमंग, उत्साह और जोश के भाव का संचार होगा, जिससे बच्चों और समुदाय का विद्यालयों के प्रति और जुड़ाव भी बढ़ेगा।
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