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11 शिक्षक निलंबित, 72 का रोका गया वेतन: यह है मामला

 11 शिक्षक निलंबित, 72 का रोका गया वेतन: यह है मामला

गोरखपुर, नया सत्र शुरू होते ही स्कूल में छात्र संख्या बढ़ाने से लेकर अन्य कार्य योजनाओं की जांच तेजी से चल रही है। इसी क्रम में शुक्रवार को बेसिक शिक्षाधिकारी रमेन्द्र कुमार सिंह ने तीन प्रधानाध्यापक समेत 11 शिक्षकों को निलंबित कर दिया है। इसके अलावा विद्यालयों से बिना सूचना के अनुपस्थित मिलने पर 72 शिक्षक, शिक्षामित्र और अनुदेशकों का वेतन व मानदेय रोक दिया गया है। साथ ही तीन दिन के अंदर स्पष्टीकरण भी मांगा गया है। वहीं बीईओ द्वारा लापरवाही बरते जाने पर जिलाधिकारी विजय किरन आनंद ने भी 18 बीईओ को नोटीस जारी करते हुए स्पष्टीकरण मांगा है।


शासन के निर्देश पर सभी शिक्षकों के प्रमाण पत्र संपदा पोर्टल पर अपलोड किये जा रहे हैं। जिले के करीब-करीब सभी शिक्षकों के प्रमाण पत्र अपलोड भी हो गये हैं। जांच में सिर्फ 11 शिक्षकों के प्रमाण पत्र अपलोड नहीं मिले। ऐसे में उन्हें पटल सहायक एवं बीएसए द्वारा कई बार प्रमाण पत्र अपलोड करने को निर्देश दिया गया। बावजूद इन शिक्षकों ने निर्देश को अनसुना कर दिया। शुक्रवार को बीएसए द्वारा की गयी संपदा पोर्टल की जांच में एक बार फिर इन • शिक्षकों प्रमाण पत्र अपलोड नहीं मिले। इसके बाद बीएसए ने इन 11 शिक्षकों निलंबित करते हुए संबंधित बीआरसी के बीईओ को जांच सौंपते हुए चार दिन के अंदर स्पष्टीकरण मांगा है।

वहीं दूसरी तरफ बेसिक शिक्षा विभाग एवं अन्य विभाग के अधिकारियों द्वारा अलग-अलग दिनों में दर्जनों विद्यालयों का निरीक्षण किया गया। जिसमें विभिन्न विद्यालयों के कई शिक्षक बिना सूचना के विद्यालय में अनुपस्थित मिले। बीईओ द्वारा मिली आख्या रिपोर्ट के आधार पर बीएसए ने अनुपस्थित 72 शिक्षकों, शिक्षामित्रों एवं अनुदेशकों का अनुपस्थित वाले दिन का मानदेय व वेतन रोक दिया। साथ ही सभी से तीन दिन के अंदर स्पष्टीकरण कार्यालय व बीईओ को प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।

निरीक्षण में लापरवाही पर डीएम ने दिया नोटिस

मिशन प्रेरणा के अंतर्गत संचालित महत्वपूर्ण गतिविधियों एवं क्रियाकलापों को पूरा कराने और योजनाओं के निरीक्षण में लापरवाही बरतने पर जिलाधिकारी विजय किरन आनंद ने जिले के 18 बीईओ को नोटिस जारी करते हुए स्पष्टीकरण मांगा है। मिशन प्रेरणा के तहत सरकार द्वारा विद्यालयों में संचालित विभिन्न योजनाओं को पूरा करोन और निरीक्षण की जिम्मेदारी जिलाधिकारी ने बीईओ को सौंपी है। जिसमें सभी बीईओ पर जिलाधिकारी ने कार्रवाई करते हुए इस माह बेहतर रिपोर्ट मांगा था। मगर इस बार भी कैम्पियरगंज, उरूवा एवं नगर क्षेत्र के बीईओ छोड़कर शेष 18 बीईओ शत-प्रतिशत रिपोर्ट नहीं दे सकें।

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