कोवोवैक्स को 12-17 आयुवर्ग में शामिल करने की सिफारिश
टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह (एनटागी) की स्थायी तकनीकी उप-समिति ने कोवोवैक्स को 12-17 आयुवर्ग के लिए टीकाकरण में शामिल करने की सिफारिश की है। पुणो स्थित सीरम इंस्टीट्यूट आफ इंडिया इस वैक्सीन का उत्पादन करती है। भारत के दवा महानियंत्रक (डीसीजीआइ) ने पिछले साल 28 दिसंबर को वयस्कों के लिए और इस साल नौ मार्च को 12-17 आयुवर्ग के लिए इस वैक्सीन के आपातकालीन उपयोग की मंजूरी दी थी।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि एनटागी के कार्यकारी समूह ने पहले ही कोवोवैक्स के आंकड़ों की समीक्षा करने बाद मंजूरी दे दी थी। शुक्रवार को हुई स्थायी तकनीकी उप समिति की बैठक हुई, जिसमें कहा गया कि 12-17 आयुवर्ग के लिए टीकाकरण में इस वैक्सीन का इस्तेमाल किया जा सकता है। एसआइआइ में सरकार और नियामक मामलों के निदेशक प्रकाश कुमार सिंह ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रलय को पत्र लिखकर 12 साल अधिक उम्र के बच्चों व वयस्कों के टीकाकरण में इसे शामिल करने का अनुरोध किया था। कंपनी निजी अस्पतालों को प्रति डोज 900 रुपये की दर से इस वैक्सीन की सप्लाई कर रही है, जिसमें पर जीएसटी अलग से है। केंद्र सरकार अभी यह वैक्सीन नहीं खरीद रही है।
दूसरे देशों में कोर्बेवैक्सीन की मान्यता के लिए सरकार प्रक्रिया तेज करेगी
कोरोना पर अधिकार प्राप्त समूह पांच के सदस्यों के बीच वितरित आंतरिक दस्तावेजों के मुताबिक सरकार ने बायोलाजिकल ई द्वारा उत्पादित कोरोना रोधी वैक्सीन कोर्बेवैक्स को दूसरे देशों में मान्यता दिलाने की प्रक्रिया तेज करेगी। कंपनी खुद इसे विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की आपात उपयोग सूची में शामिल कराने के लिए प्रयास कर रही है। अपने देश में अभी यह वैक्सीन 12-14 वर्ष आयुवर्ग के बच्चों व किशोरों को लगाई जा रही है।
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