ब्रिज कोर्स कराने में देरी से 69000 भर्ती शिक्षकों की नियुक्ति पर नहीं पड़ेगा विपरीत असर, देखें कोर्ट आर्डर
बीएड वाले तैनात शिक्षकों को कराएं छह माह का ब्रिज कोर्स, 69000 शिक्षक भर्ती को लेकर हाईकोर्ट का आदेश
लखनऊ। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने 69,000 सहायक शिक्षकों की भर्ती में तैनात बीएड योग्यताधारक अध्यापकों को एनसीटीई के गजट आदेश के मुताबिक छह माह का ब्रिज कोर्स कराने का आदेश राज्य सरकार को दिया है। कोर्ट ने कहा कि अगर विभाग की तरफ से यह ब्रिज कोर्स कराने में देरी होती है तो इससे ऐसे शिक्षकों की नियुक्ति पर कोई विपरीत असर नहीं पड़ेगा।
कुमार समेत 10 शिक्षकों की दो याचिकाओं पर दिया। याचियों के वकील दीपक कुमार का कहना था कि एनसीटीई के 28 जून 2018 के गजट आदेश के तहत 69 हजार शिक्षक भर्ती में तैनात किए जाने वाले बीएड योग्यताधारक शिक्षकों को दो साल के अंदर छह माह का ब्रिज कोर्स करवाए जाने को कहा गया था। याचियों का कहना था कि उन्हें अक्तूबर 2020 में तैनाती मिली। करीब डेढ़ साल से अधिक वक्त के बाद भी उन्हें ब्रिज कोर्स नहीं कराया गया। इससे उनके हित प्रभावित हो सकते हैं।
उधर, सरकारी वकील रणविजय सिंह ने अदालत को बताया कि 25 अप्रैल को बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव ने राज्य सरकार को छह माह की ब्रिज कोर्स ट्रेनिंग करवाने को लिखा है। कोर्ट ने कहा की ऐसे में राज्य सरकार याचियों समेत अन्य ऐसे शिक्षकों को उनकी शुरूआती तैनाती की तारीख से दो साल के अंदर ब्रिज कोर्स ट्रेनिंग करवाना सुनिश्चित करना चाहिए। अगर सरकार ऐसा नहीं करती है तो इसका याचियों पर कोई विपरीत प्रभाव नहीं पड़ेगा। अदालत ने साफ कहा कि हर हाल में सरकार या फिर परिषद को याचियों के लिए यह ब्रिज कोर्स करवाना होगा। इस आदेश के साथ कोर्ट ने याचिका निस्तारित कर दी।
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