अब पोर्टल से मिलेगा राजकीय महाविद्यालयों के शिक्षकों को अवकाश
लखनऊ : प्रदेश के उच्च शिक्षा संस्थानों को मिलने वाली आधारभूत सुविधाओं, शिक्षकों व छात्रों का डाटा आदि अब एकेडमिक बैंक आफ क्रेडिट ABACUS-UP पोर्टल के अधीन हो गया है। शासन ने इन संस्थानों के नौ अहम कार्यों का सत्यापन व अनुमोदन इसी पोर्टल से करने का निर्णय लिया है। यानी संस्थानों की ओर से इस प्लेटफार्म पर दी गई जानकारी ही उनकी बेहतरी का आधार बनेगी। राजकीय महाविद्यालयों में शिक्षकों की गोपनीय आख्या, शैक्षणिक
कार्यों के लिए विदेश यात्रा की अनुमति, पासपोर्ट, एनओसी व शैक्षणिक अवकाश आदि पोर्टल पर अपलोड डाटा के आधार पर ही मिलेंगे। अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा मोनिका एस गर्ग ने सभी राज्य व निजी विश्वविद्यालयों के कुलपति और निदेशक उच्च शिक्षा को भेजे आदेश में लिखा है कि प्रदेश स्तरीय एकेडमिक बैंक आफ क्रेडिट पोर्टल पर सभी शिक्षण संस्थानों की ओर से आधारभूत सुविधाओं, शिक्षकों व छात्रों के डाटा को अपलोड व उनका सत्यापन किया जाना है। इस संबंध में नौ अगस्त 2021 को ही शासनादेश जारी हो चुका है। गर्ग ने लिखा कि अब अहम कार्यों का सत्यापन व अनुमोदन पोर्टल पर अपलोड डाटा के माध्यम से ही होगा। इसके तहत राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के तहत प्रवेश पाने वाले विद्यार्थियों का पढ़ाई छोड़ना और पुन: प्रवेश की प्रक्रिया देखी जाएगी। विद्यार्थियों के शैक्षणिक अभिलेखों का सत्यापन डिजीलाकर पोर्टल पर उपलब्ध शैक्षणिक अभिलेखों के लिए उन्हें व्यक्तिगत रूप से आने की जरूरत नहीं होगी। संस्थानों को रिसर्च एंड डेवलपमेंट स्कीम के लिए विभाग की ओर से स्वीकृत किया जाने वाला अनुदान विश्वविद्यालय व महाविद्यालय के उन्हीं विभागों को दिया जाएगा, जिनका एनईपी के तहत नामांकित छात्रों व विभाग के शिक्षकों का डाटा पोर्टल पर अपलोड होगा। इसी तरह से सेंटर आफ एक्सीलेंस व अन्य योजनाओं के लिए विभाग की ओर से स्वीकृत होने वाला अनुदान उन्हीं विश्वविद्यालयों को मिलेगा जो पोर्टल पर अपडेट होंगे।
कार्यों के लिए विदेश यात्रा की अनुमति, पासपोर्ट, एनओसी व शैक्षणिक अवकाश आदि पोर्टल पर अपलोड डाटा के आधार पर ही मिलेंगे। अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा मोनिका एस गर्ग ने सभी राज्य व निजी विश्वविद्यालयों के कुलपति और निदेशक उच्च शिक्षा को भेजे आदेश में लिखा है कि प्रदेश स्तरीय एकेडमिक बैंक आफ क्रेडिट पोर्टल पर सभी शिक्षण संस्थानों की ओर से आधारभूत सुविधाओं, शिक्षकों व छात्रों के डाटा को अपलोड व उनका सत्यापन किया जाना है। इस संबंध में नौ अगस्त 2021 को ही शासनादेश जारी हो चुका है। गर्ग ने लिखा कि अब अहम कार्यों का सत्यापन व अनुमोदन पोर्टल पर अपलोड डाटा के माध्यम से ही होगा। इसके तहत राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के तहत प्रवेश पाने वाले विद्यार्थियों का पढ़ाई छोड़ना और पुन: प्रवेश की प्रक्रिया देखी जाएगी। विद्यार्थियों के शैक्षणिक अभिलेखों का सत्यापन डिजीलाकर पोर्टल पर उपलब्ध शैक्षणिक अभिलेखों के लिए उन्हें व्यक्तिगत रूप से आने की जरूरत नहीं होगी। संस्थानों को रिसर्च एंड डेवलपमेंट स्कीम के लिए विभाग की ओर से स्वीकृत किया जाने वाला अनुदान विश्वविद्यालय व महाविद्यालय के उन्हीं विभागों को दिया जाएगा, जिनका एनईपी के तहत नामांकित छात्रों व विभाग के शिक्षकों का डाटा पोर्टल पर अपलोड होगा। इसी तरह से सेंटर आफ एक्सीलेंस व अन्य योजनाओं के लिए विभाग की ओर से स्वीकृत होने वाला अनुदान उन्हीं विश्वविद्यालयों को मिलेगा जो पोर्टल पर अपडेट होंगे।
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