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अब एक माह का प्रशिक्षण पाकर हेड कांस्टेबल बन जाएंगे दारोगा

हेड कांस्टेबल से प्रोन्नत होकर दारोगा बनने वालों को प्रशिक्षण में राहत मिलने की संभावना है। उनके लिए दो माह की जगह एक माह का प्रशिक्षण हो सकता है। इसके अलावा इनडोर और आउटडोर प्रशिक्षण में भी बदलाव होगा। बीते एक माह में प्रशिक्षण के दौरान दो प्रशिक्षु दारोगा की मृत्यु होने पर अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजी) पुलिस अकादमी जयनारायण सिंह ने शासन को प्रस्ताव भेजा है। एक माह में दो प्रशिक्षु दारोगाओं की हार्टअटैक से मृत्यु होने पर माना गया कि आमतौर पर हेड कांस्टेबल के प्रोन्नत होकर दारोगा होने तक उनकी उम्र 50 वर्ष के पार हो जाती है। सीधे भर्ती वाले दारोगा की तरह कड़ा प्रशिक्षण होने से वह तनाव में आ जाते हैं। शासन स्तर से मुरादाबाद के पुलिस प्रशिक्षण महाविद्यालय (पीटीसी) से सुधार के प्रस्ताव मांगे थे। एडीजी ने बदलाव का प्रस्ताव भेजा है।


बदलाव के सुझाव : ’ दो माह के स्थान पर एक माह का प्रशिक्षण होगा। कारण, उम्र 50 वर्ष के आसपास होने की वजह से दो माह के प्रशिक्षण में यह तनाव में रहने लगते हैं। ’ सीधे दारोगा बनने वालों की तरह आइपीसी व सीआरपीसी की पढ़ाई नहीं करनी होगी। क्योंकि हेड कांस्टेबल रहते इन्हें पहले से ही इनका ज्ञान होता है। ’ इन्हें विवेचना व साइबर क्राइम के बारे में विस्तार से जानकारी दी जानी चाहिए। दौड़ लगाने के बजाय इनसे योग कराया जाएगा।

’>>दो प्रशिक्षु दारोगा की मृत्यु से शासन चिंतित, पीटीसी ने भेजा प्रस्ताव

’>>इनडोर व आउटडोर प्रशिक्षण में भी होगा बदलाव

मुख्यालय से प्रस्ताव मांगे जाने के बाद प्रशिक्षण को सरल बनाने संबंधी प्रस्ताव मुख्यालय को भेजा है। जिसमें आउट डोर और इनडोर प्रशिक्षण के प्रशिक्षण में परिवर्तन का सुझाव दिया हैं।

- जयनारायण सिंह, एडीजी, पुलिस अकादमी

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