जब सरकारी स्कूलों में अच्छी पढ़ाई तो कांवेंट में क्यों दें मोटी फीस, यहाँ कुछ ऐसा ही बोलते हैं अभिभावक
गोरखपुर जिले के सरदारनगर विकास खंड के तिलौली गांव की सरिता देवी ने कहा कि मेरा बच्चा प्राइवेट स्कूल में पढ़ता था। वहां पढ़ाई के नाम पर मोटी फीस ली जाती थी। कापी-किताब व ड्रेस खरीदने पर जो पैसा खर्च होता था वो अलग। तीन दिन पहले प्राथमिक विद्यालय तिलौली के शिक्षकों ने गांव में चौपाल लगाया और हमें सरकारी स्कूलों में पढ़ाई की गुणवत्ता व सरकारी योजनाओं की जानकारी दी। वीडियो भी दिखाया। जिसे देखकर हमें लगा कि जब सरकारी स्कूल में इतनी अच्छी पढ़ाई हो रही है तो हम प्राइवेट में मोटी फीस क्यों दें। हमने तत्काल अपने बच्चे आदर्श का नाम कांवेंट से कटवाया और सरकारी स्कूल में कक्षा-दो में नामांकन कराया।
मैडम घर पर आईं थीं: सरिता देवी की तरह बरईपार की सरोज ने भी अपनी बेटी करीना का परिषदीय विद्यालय में कक्षा एक में नामांकन कराया है। वे कहतीं है कि मैडम घर पर आईं थी। बताया कि सरकारी स्कूल में सिर्फ अच्छी पढ़ाई ही नहीं होती बल्कि बच्चे को मुफ्त यूनीफार्म, स्वेटर, जूता-मोजा, स्कूल बैग के साथ कापी-किताब भी दिया जाता है। उनकी बात हमें सही लगी और हमने भी नामांकन करा दिया।
सरकारी स्कूलों में भी हो रही अच्छी पढ़ाई: पंसरही गांव के शिवनारायण ने भी अपने बेटे मंजित का कक्षा एक में नामांकन कराया है। वे कहते हैं कि पहले माता-पिता अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में पढ़ाने से बचते थे, लेकिन अब यहां भी कांवेंट की तरह पढ़ाई हो रही है। यही सोच कर हमने भी बेटे का नामांकन कराया है। इससे न सिर्फ पैसे की बचत होगी बल्कि वह पढ़ाई भी ठीक से करेगा।
बच्चों के नामांकन का हर दिन देना होगा हिसाब: परिषदीय स्कूलों में नए सत्र में स्कूल चलो अभियान के तहत बच्चों के होने वाले नामांकन का अब हर दिन हिसाब देना होगा। स्कूलों से नामांकन की नियमित सूचना लेकर बीएसए को विभाग के पोर्टल पर देनी होगी। इसके जरिये बेसिक शिक्षा विभाग नामांकित नामांकन की प्रगति की समीक्षा करेगा। शासन ने जिलावार नामांकन का लक्ष्य निर्धारित कर दिया है। जनपद को 3,82,509 बच्चों के नामांकन का लक्ष्य मिला है। जबकि पिछले सत्र 2021-22 में जिले में कुल 314401 बच्चों का नामांकन हुआ था।
अधिकारी बोले: बीएसए रमेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि स्कूलों में नामांकन बढ़ाने के लिए रैलियां निकाली जा रही हैं। हाउस होल्ड सर्वे कराया जा रहा है। साथ ही अभिभावक भी गांवों का भ्रमण कर अभिभावकों संपर्क कर उन्हें बच्चों के नामांकन के लिए जागरूक व प्रेरित कर रहे हैं।
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