शिक्षा विभाग की ज्येष्ठता सूची में आखिरकार चयन वर्ष पर मौलिक नियुक्ति की तारीख भारी पड़ी
लखनऊ : शिक्षा विभाग की ज्येष्ठता सूची में आखिरकार चयन वर्ष पर मौलिक नियुक्ति की तारीख भारी पड़ी। अंतिम ज्येष्ठता सूची में 1988 बैच के डा. महेंद्र देव सबसे आगे हैं, क्योंकि सूची में डा. देव के नाम से ऊपर व नीचे जो अफसर हैं वे सब सेवानिवृत्त हो चुके हैं। पदोन्नति की उम्मीद लगाए अन्य अफसरों को निराशा हाथ लगी है। साथ ही अब
निदेशक पद पर जल्द ही पदोन्नति का रास्ता भी साफ हो गया है। उत्तर प्रदेश शैक्षिक (सामान्य शिक्षा संवर्ग) सेवा नियमावली 1991 की ज्येष्ठता सूची को लेकर लंबे समय से विवाद रहा है। विवाद की वजह यह रही कि कार्यरत व सेवानिवृत्त अफसरों को ज्येष्ठ मानने में उनका चयन वर्ष या फिर मौलिक नियुक्ति की तारीख, किसे सही माना जाए। दोनों तरह के अफसर अपने पक्ष में दलीलें देते रहे। माध्यमिक शिक्षा विभाग ने 21 दिसंबर, 2020 को अनंतिम ज्येष्ठता सूची जारी करके आपत्तियां मांगी।
निदेशक पद पर जल्द ही पदोन्नति का रास्ता भी साफ हो गया है। उत्तर प्रदेश शैक्षिक (सामान्य शिक्षा संवर्ग) सेवा नियमावली 1991 की ज्येष्ठता सूची को लेकर लंबे समय से विवाद रहा है। विवाद की वजह यह रही कि कार्यरत व सेवानिवृत्त अफसरों को ज्येष्ठ मानने में उनका चयन वर्ष या फिर मौलिक नियुक्ति की तारीख, किसे सही माना जाए। दोनों तरह के अफसर अपने पक्ष में दलीलें देते रहे। माध्यमिक शिक्षा विभाग ने 21 दिसंबर, 2020 को अनंतिम ज्येष्ठता सूची जारी करके आपत्तियां मांगी।
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