शिक्षिका ने लिखी आत्मनिर्भरता की पटकथा
प्रयागराज : अशिक्षित, साधनहीन व उपेक्षित लोगों को शिक्षित-प्रशिक्षित कराकर समाज की मुख्य धारा से जोड़ने की मुहिम चला रही हैं शिक्षिका डा. अंजली केसरी। गऊघाट मलिन बस्ती की महिलाओं, लड़कियों को शिक्षित करने के लिए पढ़ाती हैं। बस्तियों में इनकी कक्षा प्रतिदिन चलती है।
इसके साथ बच्चों का दाखिला प्राथमिक विद्यालयों में करवाकर उनके यूनिफार्म, पाठ्य सामग्री में आने वाले खर्च का वहन स्वयं करती हैं। इनके साथ अधिकतर ऐसे लोग जुड़े हैं जो कूड़ा बीनने का काम करते हैं। इसे देखते हुए पुरानी वस्तुओं से सजावटी सामान, गमला व खिलौना बनाने का प्रशिक्षण दिलाकर उनकी प्रदर्शनी लगवाती हैं। विशाल संकल्प नामक संस्था के जरिए डा. अंजली के प्रयास से ऐसी वस्तुओं की प्रदर्शनी इलाहाबाद संग्रहालय सहित अनेक मेलों में लग चुकी है। उससे होने वाली आय को उन्हीं बच्चों व महिलाओं पर खर्च करतीं हैं। भावी पीढ़ी हो रही जागरूक : केंद्रीय विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों को जलवायु परिवर्तन की भयावह स्थिति से अवगत कराने के साथ ही अंजली जलवायु परिवर्तन पर आधारित पेंटिंग, सैंडआर्ट, वाद-विवाद जैसी प्रतियोगिताएं कराती हैं। उन्हें उम्मीद है कि पर्यावरण संरक्षण की यह पहल रंग लाएगी।
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